नयी दिल्ली , आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्यरत भारतीय कंपनी जीवा आयुर्वेद ने थाइलैंड में अपना पहला दो सेंटर शुरू करने की आज घोषणा की।
कंपनी ने यहां कहा कि ये सेंटर थाईलैंड के पहाड़ी क्षेत्र ‘ पाक थोंग चाई ‘ और उत्तरी वन क्षेत्र ‘ चियांग माई ‘ में स्थापित किये जायेंगे। जीवा समूह के अध्यक्ष ऋषि पाल चौहान ने आईरिट्रीट के साथ साझेदारी की घोषणा के दौरान कहा कि जीवा आयुर्वेद और आईरिट्रीट के बीच यह परस्पर सहयोग समग्र स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान, ध्यान और चेतना की परिवर्तनकारी शक्ति को एक साथ लाता है। इस विस्तार के माध्यम से जीवा आयुर्वेद दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में आयुर्वेदिक पद्धतियों और उत्पादों का प्रसार करेगा। जिससे जनता को स्वस्थ और अधिक समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन समाधान उपलब्ध होंगे।श्री चौहान ने कहा “यह सहयोग स्वास्थ्य देखभाल में आयुर्वेद की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में वैश्विक जागरूकता को एक नई दिशा प्रदान करने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आयुर्वेद, माइंडफुलनेस और ध्यान का महत्व और समग्र स्वास्थ्य के कल्याण को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को पहचानने से निस्संदेह दुनिया भर के लोगों के लिए एक स्वस्थ और सामंजस्यपूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।”
इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े आयुष मंत्रालय सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा “मैं आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान और ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त प्रयास के लिए जीवा आयुर्वेद और आईरिट्रीट को बधाई देता हूं। भारत व्यापक वैश्विक जन-कल्याण के लिए आयुर्वेद के विशाल ज्ञान को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद से हमारा उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा को अधिक लोगों तक पहुंचाने, ज्ञान प्रदान करने और इसकी वैश्विक पहुंच को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक के रूप में काम करना रहा है। इस तरह के अनूठे पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य दुनिया को आयुर्वेद और ध्यान की वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में सक्षम बनाना है, जिससे अंततः एक स्वस्थ और अधिक संतुलित दुनिया का मार्ग प्रशस्त होगा।”
आईरिट्रीट के संस्थापक मोंक ड्यूक ने इस साझेदारी की सराहना करते हुए कहा “ जीवा आयुर्वेद के साथ हमारा सहयोग वैश्विक मानसिक कल्याण के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आयुर्वेद के प्राचीन और अद्भुत ज्ञान तथा शांति
एवं ध्यान की पद्धतियों को मिलाकर हम आंतरिक शांति और आत्म-खोज को बढ़ावा देने की दिशा में आज हम एक कदम बढ़ा रहे हैं। आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान और आईरिट्रीट के ध्यान और माइंडफुलनेस की पद्धतियों के एकीकरण के माध्यम से, जीवा आईरिट्रीट सेंटर मन, शरीर और आत्मा को पोषित करेगी ताकि आगंतुकों के जीवन में व्यापक, गहरा और स्थायी सकारात्मक प्रभाव पैदा हो सके।