स्पेन के खिलाफ अभियान की शुरुआत करेगी भारतीय जूनियर हॉकी टीम

डसेलडोर्फ, भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम शुक्रवार को चार देशों के टूर्नामेंट डसेलडोर्फ 2023 में अपने अभियान की शुरुआत शुक्रवार को मेजबान स्पेन के खिलाफ मुकाबले से करेगी।

भारत 19 अगस्त को मेजबान जर्मनी और 21 अगस्त को इंग्लैंड से भिड़ेगा। टूर्नामेंट का फाइनल 22 अगस्त को होगा। यह टूर्नामेंट मलेशिया में पांच से 16 दिसंबर के बीच खेले जाने वाले एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप 2023 की तैयारियों का हिस्सा होगा।

भारतीय टीम ने जून से अगस्त के बीच बेंगलुरु के साई केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में हिस्सा लिया था जिसके बाद वह स्पेन के लिये रवाना हुयी। शिविर से पहले जूनियर टीम ने ओमान में पुरुष जूनियर एशिया कप 2023 का खितबा पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से हराकर हासिल किया था और एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप 2023 के लिए क्वालीफाई किया था।

हॉकी इंडिया के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि ऐतिहासिक जीत के साथ भारत ने जूनियर एशिया कप में सर्वाधिक चार बार खिताब जीतने का नया रिकॉर्ड भी बनाया। उत्तम सिंह की अनुपस्थिति में विष्णुकांत सिंह भारतीय जूनियर टीम का नेतृत्व करेंगे। उत्तम प्रशिक्षण शिविर के दौरान लगी चोट के कारण टूर्नामेंट के लिये बाहर कर रखे गये हैं।

विष्णुकांत ने कहा, “ टूर्नामेंट हमारे लिए अपने खेल को और बेहतर करने और जूनियर विश्वकप से पहले यूरोप की कुछ सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने का अनुभव हासिल करने का एक अच्छा अवसर है। हमारी टीम में मजबूत और अनुभवी खिलाड़ी हैं और हमें उम्मीद है कि हम उसी तरह का प्रदर्शन जारी रखेंगे जो हमने हाल के टूर्नामेंटों में किया है। ”

पिछली बार, भारतीय जूनियर टीम स्पेन के खिलाफ मैड्रिड में 2019 आठवें राष्ट्रीय अंडर-21 पुरुष टूर्नामेंट में खेली थी, जहां स्पेन ने 3-1 से जीत हासिल की थी। 2016 के बाद से, स्पेन और भारत के बीच चार बार आमना-सामना हुआ है, जिसमें भारत ने तीन बार जीत हासिल की है, जबकि स्पेन ने एक बार जीत हासिल की है।

इस बीच, भारतीय जूनियर टीम को आखिरी बार एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप भुवनेश्वर 2021 में जर्मनी के खिलाफ 2-4 से सामना करना पड़ा था। टीम के मुख्य कोच सीआर कुमार ने कहा, “ स्पेन, जर्मनी और इंग्लैंड सभी मजबूत टीमें हैं और हमने उनके पिछले कुछ मैचों पर करीब से नजर रखी है। लेकिन हमारा प्राथमिक ध्यान अपनी योजनाओं को लागू करने और अपनी ताकत के अनुसार खेलने पर रहेगा। हमने शिविर में कुछ क्षेत्रों पर काम किया जहां हमें सुधार करने की आवश्यकता थी।”

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