श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा बलों ने गुरुवार को घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया और इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा के पांच मारे गए।
उल्लेखनीय है कि पिछले पांच दिनों में कश्मीर में घुसपैठ की यह दूसरी कोशिश है, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम किया है। इससे पहले 22 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने बारामूला के उरी सेक्टर में दो घुसपैठियों को मार गिराया गया था। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की खुफिया जानकारी के आधार पर संयुक्त बलों ने एक अभियान शुरू किया, जिसके बाद कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में घुसपैठ की ताजा कोशिश को नाकाम किया गया।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “खुफिया जानकारी मिलने के बाद कुपवाड़ा पुलिस और सेना (56आरआर ) की संयुक्त पार्टी ने 25-26 अक्टूबर की मध्यरात्रि के दौरान माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सरदारी नार इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। इसके अलावा सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घात लगाकर हमला किया गया।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त टीम ने इलाके के घने जंगलों में आतंकवादियों की आवाजाही देखी। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने दुर्गम इलाके का फायदा उठाया और भारतीय सीमा में घुसपैठ की।
प्रवक्ता ने कहा, “सावधानीपूर्वक रणनीति अपनाते हुए आतंकवादियों को रोक लिया गया, लेकिन उन्होंने संयुक्त टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पांच अज्ञात आतंकवादियों को मार गिराया गया।” उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से पांच एके राइफल और अन्य आपत्तिजनक सामग्री सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान की जा रही है। श्री कुमार ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
इससे पहले दिन में श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने एक्स पर कहा कि कुपवाड़ा में घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम कर दी गई। सेना ने कहा कि सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों द्वारा 26 अक्टूबर को शुरू किए गए एक संयुक्त अभियान में कुपवाड़ा सेक्टर में एलओसी पर सतर्क सैनिकों ने घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम कर दी।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि बर्फबारी के कारण मार्ग बंद होने से पहले आतंकवादियों को पाकिस्तान की ओर से एलओसी पार भेजने के लिए घुसपैठ की कोशिशें की जाती है।