जालौन में मिला प्राचीन सिक्कों का जखीरा

उत्तर प्रदेश में जालौन जिले के कोतवाली क्षेत्र में मकान निर्माण के लिये की जा रही खुदाई के दौरान जमीन से प्राचीन चांदी के सिक्कों का खजाना मिला है। सिक्के मिलने की सूचना पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। जमीन से पुराने सिक्के निकलने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को हुई। अधिकारी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सिक्कों को जब्त कर पुरातत्व विभाग को सूचना दी। गांव में फोर्स को भी लगा दिया गया है। सिक्के 161 साल पुराने बताए जा रहे हैं।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोतवाली जालौन क्षेत्र के ग्राम व्यासपुरा के रहने वाले कमलेश कुशवाहा के मकान का निर्माण चल रहा है। इस दौरान मजदूर शुक्रवार शाम को जमीन की खुदाई कर रहे थे, तभी एक मजदूर का फांवडा एक बर्तन से टकराया, जिससे आवाज आई। आवाज सुनकर उसने मकान मालिक को बुलाया और उसके सामने खुदाई कराई गई तो एक बर्तन मिला। जिसे बाहर निकला गया तो उसमें चांदी के सिक्के और जेवरात दिखाई मिल। जिसे देखकर मकान मालिक के होश उड़ गए। उन्होंने चांदी के सिक्के और जेवरात को छुपाने का प्रयास किया, मगर जेवरात और चांदी के सिक्के मिलने की खबर गांव में जंगल में आग की तरह फैल गई।


जिसे देखने के लिए गांव के लोग कमलेश कुशवाहा के घर पहुंच गये। प्राचीन सिक्के मिलने की सूचना गांव के लोगों ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही उरई तहसील के उपजिलाधिकारी उरई पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। खुदाई में मिले सिक्कों को जब्त कर लिया। साथ ही इसके बारे में पुरातत्व विभाग को सूचना दी। पुलिस की निगरानी में आसपास की खुदाई कराई जा रही है, जिससे पता किया जा सके कि कहीं और सिक्के तो जमीन के अंदर दफन तो नहीं हैं।


प्रशासन ने जिन सिक्कों को जब्त किया है, वह सिक्के आज से 161 साल पुराने 1862 में प्रचलित थे। इन सिक्कों पर सन् भी लिखा हुआ है। साथ ही सिक्कों के साथ चांदी के जेवरात चूड़ी मिली है।


उरई के उप जिला अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि उन्हें खुदाई के दौरान सिक्के मिलने की सूचना मिली। वह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिस घर में सिक्के मिले वहां पर मकान निर्माण चल रहा था और यह कमलेश कुशवाहा का मकान है। सुरक्षा की दृष्टि से उस जगह पुलिस तैनात कर दी गई है। साथ ही सिक्कों को जब्त करते हुए कोतवाली पहुंचा दिया है। अभी तक ढाई सौ से अधिक चांदी के सिक्के मिले हैं।
फॉरेंसिक टीम के साथ पुरातत्व विभाग को भी इस बारे में सूचना दी गई है। जिससे इनकी प्राचीनता के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। वहीं प्राचीन सिक्के लूटे जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इसकी भी जांच की जा रही है। साथ ही पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कितने सिक्के मौके से बरामद हुए थे। कमलेश ने बताया कि वह वर्षों से अपने पुरखों के साथ यहां रह रहा है। वह मकान का निर्माण करा रहा था, तभी मजदूरों ने सिक्के मिलने की जानकारी दी।

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