त्रिपुरा में टिपरा मोथा और भाजपा के बीच झड़प में सात लोग घायल

 त्रिपुरा के धलाई जिले में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी( भाजपा) और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के समर्थकों के बीच सलेमा ब्लॉक के पनबुआ ग्राम समिति के कार्यों पर नियंत्रण को लेकर बुधवार को हुई हिंसक झड़प में कम से कम सात लोग घायल हो गये।
पुलिस ने बताया कि सभी घायलों को कुलई जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी। तनाव को कम करने के लिए इलाके में पुलिस और त्रिपुरा राज्य राइफल्स (टीएसआर) के जवानों को तैनात किया गया है।
प्रशासन ने कथित रूप से गुरुवार को दोनों दलों के स्थानीय नेताओं से बातचीत की और उन्हें हिंसा रोकने और शांति बनाए रखने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, “मेरी सरकार किसी भी प्रकार के अपराध और हिंसा का समर्थन नहीं करती। इन घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह राजनीतिक संबद्धता पर विचार किए बिना कानून तोड़ने की कोशिश में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे।”
रिपोर्ट के अनुसार टीएमपी समर्थकों ने सलेमा ब्लॉक के अंतर्गत पनबुआ ग्राम समिति के कार्यों का प्रबंधन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है और वे लोग कल ग्राम समिति कार्यालय में इकत्र हुए थे।इसके तुरंत बाद भाजपा कार्यकर्ताओं का एक समूह वहां पहुंचा जिसके बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच बहस शुरू हो गई। टीएमपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि ग्राम समिति को भाजपा ने लंबे समय तक बिना किसी चुनाव के चलाया है और अब टीएमपी निर्वाचित समिति का गठन होने तक इसे चलाएगी।
इसके बाद यह विवाद हिंसा में परिवर्तित हो गया और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर लाठियों से हमला किया, जिसमें कम से कम टीएमपी के चार और भाजपा के तीन समर्थक घायल हो गए।
इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा)के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कल मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा कि राज्य की जनता हिंसा से छुटकारा पाने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। सरकार तथा पुलिस प्रशासन को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उपद्रवियों पर अंकुश लगाना चाहिए और कानून के अंतर्गत उन पर मुकदमा चलाना चाहिए।

श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि माकपा तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री से मिलकर आतंक, धमकी, संपत्तियों का नुकसान और विपक्षी समर्थकों की आजीविका पर हमला जैसी बेलगाम घटनाओं को रोकने की मांग की थी लेकिन उसी रात अगरतला के पास जिरानिया उप-मंडल समिति कार्यालय में तोड़फोड़ और लूट की घटना हुई और बुलडोजर भी चलाया गया।

एक अन्य घटना में, शहर के चनमारी इलाके में एक माकपा समर्थक संजीत लोध अपने परिवार के साथ बुधवार को न्याय और सुरक्षा की मांग को लेकर सड़क पर उतर आया, क्योंकि पिछले दो मार्च को चुनाव परिणाम के दिन से ही भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से उसके परिवार पर हमला किया जा रहा है।
उसने आरोप लगाया,“ स्थानीय भाजपा नेताओं ने उसे पिछले डेढ़ महीने से ऑटो रिक्शा चलाने और उसके पिता को चाय की दुकान खोलने नहीं दिया है। लगभग प्रत्येक दिन बदमाश मेरे घर पर हमला करते हैं, महिलाओं और बच्चों सहित परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं लेकिन पुलिस से बार-बार अपील करने के बावजूद अबतक कुछ भी नहीं हो पाया है और बदमाश मेरे घर सहित पूरे परिवार को जलाने की धमकी दे रहे हैं।”

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