मिलेट्स (बाजारा) आधारित खाद्य पर्दाथों को उचित कीमत पर सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से मिलेट एक्सप्रेस इस साल 20 नये आउटलेट्स खोलेगा।
शहर के कोंडापुर में आउटलेट का उद्घाटन करने के बाद (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च) न्यूट्रीहब के निदेशक और सीईओ डॉ दयाकर राव ने मेन्यू कार्ड में 110 से अधिक बाजारा आधारित व्यंजन समाहित किये जाने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहा मिलेट एक्सप्रेस का गुरुवार को शहर में 16 वां आउटलेट खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाजारा कई तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है और फाइबर, प्रोटीन तथा आयरन से भरपूर हैं तथा प्रतिदिन के भोजन में चावल के स्थान पर बाजरे का प्रयोग करने से शर्करा की मात्रा में काफी कमी आती है।
उन्होंने कहा “ मिलेट एक्सप्रेस न्यूट्रीहब इन्क्यूबेशन प्रोग्राम का हिस्सा है और हमें इस ब्रांड द्वारा मिलेट के प्रति जागरूकता पैदा करने पर गर्व है। न्यूट्रीहब में हम ऐसे स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन सपोर्ट और टेक्निकल सपोर्ट दे रहे हैं। हम इस तरह के और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना चाहते हैं और न्यूट्रीहब के तहत इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए उनका स्वागत करते हैं। मिलेट एक्सप्रेस के कारोबार को बढ़ाने की उनकी यात्रा में हम उनका समर्थन करने के लिए हमेशा तैयार हैं।”
इस अवसर पर ब्रांड के संस्थापक वेंकटेश, वेंकन्ना बाबू और पवन कुमार ने कहा, “ स्वस्थ भोजन को आमतौर पर स्वादिष्ट नहीं माना जाता है और हमारा लक्ष्य स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ इस मिथक को तोड़ना है। हमारे व्यंजन दक्षिण भारतीय से लेकर उत्तर भारतीय व्यंजनों तक हैं जिसमें मल्टी ग्रेन इडली, रोटी, बाजरा पूरी, खिचड़ी शामिल है।” उन्होंने कहा कि एक किलो चावल के उत्पादन में लगभग 2200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है और जबकि बाजरा को आधे से भी कम की आवश्यकता होती है।
वेंकटेश ने कहा “ चावल को बाजरा से बदलना न केवल एक स्वस्थ निर्णय है, बल्कि हमारे भूजल स्तर को सुरक्षित रखने के लिए एक अच्छा विकल्प है, हमारी सभी पैकेजिंग सामग्री पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है। संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार के कहने पर 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया। हमारा देश बाजरा उत्पादन का सिर्फ एक प्रतिशत निर्यात करते हुए बाजरा के शीर्ष निर्यातकों में से एक है। हम भारत में बने सुपरफूड को दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं।”