रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक भारत में 5 जी मोबाइल नेटवर्क सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या 30 करोड़ तक पहुंच जाएगी लेकिन यह समग्र ग्राहकों की संख्या की एक तिहाई ही होगी। मार्च 2023 के अंत तक दो से ढाई करोड़ के बीच रहने का अनुमान है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक नवीन वैद्यनाथन का मानना है कि 5जी हैंड सेट की ऊंची कीमतें इसके अपनाए जाने की गति को प्रभावित करेगी। क्रिसल का कहना है कि अभी 5जी सेवाएं कंपनियों के आकर्षक टैरिफ प्लान के कारण है और आम लोग कृषि, शिक्षा और अन्य कामों में इसके लाभ के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के बाद इसकी ओर तेजी से आकर्षित हो सकते हैं।
रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2025 के अंत तक भारत में डाटा का उपभोग आज की तुलना में 40 बढ़ जाएगा और इससे सेवा प्रदाता कंपनियों की औसत प्रति उपयोगकर्ता आय (एआरपीयू) में बढोतरी होगी।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 29024-25 के अंत तक भारत में शेश दो-तिहाई ग्राहक 4 जी नेटवर्क का उपयोग करना जारी रखेंगे।
क्रिसिल के अनुसार 5जी सेवाओं के ग्राहकों की ओर से डेटा की खपत को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे बेहतर गति के लिए उच्च डेटा पैक की ओर बढ़ेंगे। इससे प्रति उपयोगकर्ता कुल औसत राजस्व (एपीआरयू) और दूरसंचार कंपनियों की कमाई बढेगी।
रिपोर्ट के अनुसार देश में अक्टूबर 2022 से 5 जी सेवाओं की शुरूआत हुई है और अब तक 300 से अधिक शहरों में कंपनियां 5जी नेटवर्क सेवाएं शुरू कर चुकी हैं। क्रिसिल का कहना है जब इसके खुदरा-इस्तेमाल का फायदा बढ़ेगा तो आम लोगों द्वरा 5जी को अपनाने की गति बढ़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 5G के ढेर सारे फायदे बताए जा रहे हैं जिनमें स्मार्ट क्लासरूम, सटीक खेती और बुद्धिमान परिवहन प्रणाली जैसे मामलों में इसका उपयोग शामिल है। पर लोग इसे तब बढ़े पैमाने पर आनाएंगे जबकि 5जी नेटवर्क सेवाओं के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार दिखेगा।
रिपोर्ट के अनुसार अभी बुनियादी ढांचे के सुधार में धीरे-धीरे कुछ वर्ष लग जाएंगे।
क्रिसिल का कहना है कि वर्तमान में 5G सेवाओं को अपनाने की गति दूरसंचार कंपनियों द्वारा पेश किए जा रहे प्रौद्योगिकी-तटस्थ टैरिफ प्लान से संचालित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं के बीच 5 जी उपकरणों की पैठ भी 5 जी सेवाओं को अपनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक नवीन वैद्यनाथन ने कहा, “वर्तमान में भारत में हर साल बिकने वाले 15-17 करोड़ स्मार्ट फोन में से लगभग 30-35 प्रतिशत फोन 5जी सक्षम होते हैं। इस तरह 5 जी सेट का आधार अभी कम है क्यों कि ये सेट 4जी की तुलना में महंगे हैं।”
उन्होंने कहा कि हैंड सेट की ऊंची लागत 2025 तक उपोगकर्ताओं की संख्या 30 करोड़ तक सीमित रख सकती है। उन्होंने कहा एक तरह से देखें तो वर्ष 2024-25 तक समग्र उपयोगकर्ताओं में केवल एक तिहाई ग्राहक ही 5जी अपना रहे होगे।