डिजिटल अंतर दूर करने के लिए बहुभाषी इंटरनेट यूज़र इंटरफेस जरूरी

इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी के अपर सचिव भुवनेश्वर कुमार ने युनिवर्सल एक्सेप्टेन्स दिवस के मौके पर आज कहा कि देश में डिजिटल अंतर को दूर करने के लिए बहुभाषी इंटरनेट यूज़र इंटरफेस उपलब्ध कराना बहुत ज़रूरी है।
श्री कुमार ने दो दिवसीय युनिवर्सल एक्सेप्टेन्स दिवस कार्यक्रम के अवसर पर यह बात कही। इसका आयोजन मंत्रालय के तत्वावधान में गैर-लाभ कंपनी नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है। 27 और 28 मार्च को आयोजित किया जा रहा यह कार्यक्रम समावेशी एवं बहु-भाषी इंटरनेट के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा कि भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, देश में 22 भाषाओं को आधिकारिक पहचान दी गई है और यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। देश में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यूज़रों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन इस बात पर ध्यान देना होगा कि भाषा की बाधा के चलते ऐसे बहुत से लोग इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाते, जो अंग्रेज़ी बोलना नहीं जानते। ऐसे में यह ज़रूरी है कि हम उन्हें उनकी अपनी भाषा में न सिर्फ इटरनेट सर्विस बल्कि मेल्स और वेबसाईट्स भी उपलबध कराएं। एक बहुभाषी इंटरनेट यूज़र इंटरफेस ही इस डिजिटल अंतर को दूर कर सकता है। युनिवर्सल एक्सेप्टेन्स के माध्यम से हम इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करने वालों को कनेक्ट कर सकते हैं तथा देश और दुनिया में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा दे सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत तेज़ी से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर रूख कर रहा है, इस साल देश को डिजिटल समावेशन हेतु युनिवर्सल एक्सेप्टेन्स को बढ़ाव देने के लिए चुना गया है। अपनी तरह का अनूठा यह आयोजन भाषा की बाधाओं को दूर करने, इस बारे में जागरुकता बढ़ाने तथा बड़ी संख्या में लोगों के लिए इंटरनेट को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे हर नागरिक के लिए आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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