त्रिपुरा के उपभोक्ता मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने गुरुवार कहा है कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को डिजिटल मोड में बदलने के लिए कागज से बने राशन कार्ड को स्मार्ट कार्ड में से बदलने की योजना शुरू की है ताकि व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके।
त्रिपुरा ने 2018 में पहली बार बायोमेट्रिक-आधारित पीडीएस संवितरण पेश किया है। डिजिटलीकरण के दौरान लगभग 2.81 लोगों के पास 62,173 फर्जी राशन कार्ड पाए गए।
श्री चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए कागज से बने राशन कार्ड की जगह 9.59 लाख स्मार्ट कार्ड वितरित करने, 765 ‘मॉडल’ राशन की दुकानों को बदलने और विभाग के तहत नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के निगम की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, राशन डीलरों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया जाएगा।
श्री चौधरी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के घर तक राशन पहुंचाने के लिए मित्रा को भी पेश किया जाएगा। सरकार चावल, चीनी, मसूर दाल, आटा और मिट्टी के तेल सहित सूचीबद्ध वस्तुओं के अलावा उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से रियायती दरों पर सरसों का तेल उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाजरा को बढ़ावा देने पर काफी ध्यान केंद्रित किया है इसलिए विभाग पीडीएस में बाजरा उपलब्ध कराने पर भी विचार करेगा। विभाग प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान को नया रूप देने के लिए 10-10 हजार रुपये की सहायता भी देगा।