तेलंगाना सरकार ने राज्य में वर्ष 2028 तक कम से कम 300 वर्ग किलोमीटर ठंडी छत (कूल रूफ) क्षेत्र हासिल करने का लक्ष्य रखते हुए सोमवार को भारत की सबसे बड़ी कूल रूफ नीति 2023-28 शुरू की।
सूचना तकनीकी और उद्योग मंत्री के राम राव राव (केटीआर) ने यहां नीति शुरू करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह नीति तेलंगाना को तापीय रूप से आरामदायक और गर्मी के अनुकूल राज्य बनाने की परिकल्पना को पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि इस नीति से पारंपरिक छतों वाले घरों की तुलना में इस नीति से घरों के ज्यादा ठंडा होने की उम्मीद है। यह कमरे के अन्दर के तापमान को दो से चार डिग्री सेल्सियस कम रखने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि ठंडी छतों को सीमित रखरखाव की आवश्यकता के चलते इससे लागत कम होगी और घर में ऊर्जा लागत में 20 प्रतिशत की बचत हो सकेगी।
पहले वर्ष 2023-24 में, हमने जीएचएमसी सीमा में पाँच वर्ग किलोमीटर सहित 7.5 वर्ग किलोमीटर को अपनाने का लक्ष्य रखा है। मंत्री ने कहा कि टीएसबीपीएएसएस के तहत ठंडी छत के प्रावधान को शामिल करने के अलावा 600 वर्ग गज से अधिक के आवासीय भूखंडों के लिए ठंडी छत को अनिवार्य बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नीति तेंलंगाना राज्य में अत्यधिक गर्मी के खिलाफ कारगर उपाय करने , थर्मल आराम में सुधार करने और शहरों में शहरी गर्मी द्वीपों को कम करने की दिशा में कार्यान्वयन के उपाय के रूप में ‘ठंडी छत’ को अपनाने का सुझाव देती है।