उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और गुलाम के झांसी में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है।
झांसी के बड़ागांव क्षेत्र में गुरूवार दोपहर पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में माफिया अतीक अहमद का पुत्र और उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी असद और उसका साथी शूटर गुलाम मारा गया था। बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की पिछली 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में उस समय हत्या कर दी गयी थी जब वह अपने घर के बाहर गाड़ी से उतर रहे थे। इस घटना में उनके दो सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गये थे।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने असद और गुलाम के मुठभेड़ में मारे जाने की तुलना कानपुर में दो साल पहले हुये विकास दुबे कांड से करते हुये मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जबकि प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे झूठा एनकाउंटर करार देते हुये कहा कि कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भाइचारे के खिलाफ है।
सुश्री मायावती ने ट्वीट किया “ प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चायें गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी।”
सपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया “ झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।”
उधर सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एसटीएफ की पीठ थपथपाते हुये कहा कि उमेश पाल और पुलिस के जवानो के हत्यारों का यही हश्र होना था। उन्होने ट्वीट किया “ यूपी एसटीएफ को बधाई देता हूँ, श्री उमेश पाल एडवोकेट और पुलिस के जवानों के हत्यारों को यही हश्र होना था।”