पूर्व सांसद एवं महाराष्ट्र के वर्तमान विधायक हरिसिंह राठौर ने ओबीसी के अन्तर्गत मिलनेवाले आरक्षण की विसंगतियां दूर करने के लिए 06 साल पूर्व बनाए गए न्यायमूर्ति जस्टिस जी रोहिणी आयोग की रिपोर्ट का अविलम्ब खुलासा करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इस आयोग का गठन 2017 में ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा किया गया था तथा आयोग से तीन माह में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था किंतु अभी तक इस रिपोर्ट का खुलासा नही हुआ है। ऐसा नहीं होने से दबे कुचले कहार, कश्यप, लोधी, पाल, बघेल, राजभर, प्रजापति, बंजारा ,नाई, लोहार ,बढ़ई आदि जातियों के लोग ओबीसी आरक्षण का कोई फायदा नही ले पा रहे हैं एवं 27 प्रतिशत का ओबीसी आरक्षण उनको मिल रहा है जो आर्थिक रूप से समृद्ध हैं।
उदासीन आश्रम जयसिंहपुरा मथुरा में आज पत्रकारों से बातचीत में श्री राठौर ने कहा कि ओबीसी के अन्तर्गत तीन ग्रुप बनाकर यदि यह आरक्षण दिया जाता है तो ओबीसी आरक्षण का लाभ ओबीसी के अन्तर्गत आनेवाली हर जाति को बराबर मिलेगा और किसी का हिस्सा कोई जाति नही ले पाएगी साथ ही जिन्हे वास्तव में आरक्षण की आवश्यकता है उन्हें यह सुविधा पहली बार मिल सकेगी।
ओबीसी नेता राठौर ने एक बार पुनः जोर देकर प्रधानमंत्री से न्यायमूर्ति जस्टिस जी रोहिणी आयोग रिपोर्ट अविलम्ब जारी करने की मांग की है। उन्होने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में बीआरएस अपने प्रत्याशियों को उत्तर प्रदेश में भी चुनावी मैदान में उतारेगी।