राजधानी दिल्ली की राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) ने सहयोगी अनुसंधान एवं विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एपीजे सत्य विश्वविद्यालय (एएसयू) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
एपीजे सत्य विश्वविद्यालय की सह संस्थापक एवं कुलाधिपति सुषमा पॉल बेरलिया और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय के. शर्मा की उपस्थिति में मंगलवार को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, “समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ज्ञान की उन्नति में सहयोग करना और सुविधा प्रदान करना है जो कि पारस्परिकता, सर्वोत्तम प्रयास, पारस्परिक सहयोग एवं लाभ और उपर्युक्त संस्थानों के बीच लगातार वार्ता के आधार पर हासिल किया जाएगा।”
इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए सुश्री बेरलिया ने कहा, “हम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के साथ साझेदारी करके खुश हैं। यह साझेदारी ज्ञान को आगे बढ़ाने और शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है। हम एनआईटी के साथ मिलकर काम करने और शैक्षणिक समुदाय में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अपनी सामूहिक ताकत का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं। यह समझौता हमारे छात्रों, फैकल्टी और शोधकर्ताओं के लिए सीखने और आगे बढ़ने के नए मार्ग प्रशस्त करेगा।”
प्रो शर्मा ने बयान में अपने कुछ विचार साझा करते हुए कहा, “यह सहयोग उनके सहयोगी अनुसंधान और विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह हमारे छात्रों के लिए नवाचार और उद्यमिता संचालित अवसरों और संसाधनों के दायरे को भी बढ़ाएगा।”
इसके अलावा दोनों संस्थान बौद्धिक ज्ञान और संसाधनों के आदान-प्रदान पर भी सहमत हुए। दोनों संस्थान नवाचार और उद्यमिता-संचालित अवसरों और संसाधनों में भागीदार होंगे।