महाराष्ट्र में किसानों के उधारदाताओं द्वारा उत्पीड़न के कारण आत्महत्या किये जाने के मद्देनजर
लोकायुक्त ने हाल ही में राज्य सरकार को अवैध उधारदाताओं का पता लगाने के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति वी एम कनाडे ने पांच अप्रैल को कोमल राम नैथानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकार्ता अपनी शिकायत में अदालत को बताया कि वह और उनके पति नंदुरबार में अवैध उधारदाता सुनील बाबूलाल पाटिल के द्वारा प्रताड़ित है।
आज यहां जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि पीड़िता ने पाटिल से कर्ज लिया था और ब्याज सहित कर्ज चुका दिया था। हालांकि पाटिल और पांच अन्य उसे और उसके पति को जान से मारने की धमकी दे रहे है। जिसके कारण शिकायतकर्ता मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रही है।
मामले का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति कनाडे ने सुश्री नैथानी को अगले दिन (6 अप्रैल) को उपनगर पुलिस थाना, नंदुराबार जाने, शिकायत दर्ज करने और हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया।
थाना ने बताया कि शिकायतकर्ता शिकायत पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं है और इसलिए इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने पुलिस थाना प्रभारी अधिकारी को संबंधित व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं और बॉम्बे साहूकार अधिनियम की धारा 6, 7 और 33 के तहत तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
उन्होंने थाना प्रभारी को सुनवाई की तारीख (5 अप्रैल) से तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा और अगर कोई धमकी दी जाती है तो पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई की जा सकती है
न्यायमूर्ति कनाडे ने यह देखते हुए कि जिला उप पंजीयक, सहकारी समितियां, नंदुरबार ने पांच मामले दर्ज हैं,अवैध रूप से साहूकारी का कारोबार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया।
लोकायुक्त ने महाराष्ट्र सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर इस आशय की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। मामले की आगली सुनवाई 20 जून को होगी।