कश्मीर घाटी में रोजा का महीना समाप्त होने के साथ ही शनिवार को ईद-उल-फितर मनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम ने गुरुवार शाम घोषणा की कि ईद शनिवार को मनाई जाएगी। उन्होंने कहा, “गुरुवार को चंद्रमा के देखे जाने के बारे में जम्मू-कश्मीर के किसी भी हिस्से से कोई जानकारी नहीं थी । इसलिए, ईद-उल-फितर शनिवार को मनाई जाएगी। ”
घाटी में पिछले चार दिनों के दौरान लगातार बारिश ने खेल बिगाड़ दिया। गुरुवार को ईद की खरीदारी के लिए लोग बारिश में ही घर से बाहर निकले। स्थानीय लोगों ने गुरुवार ईद की खरीदारी इस उम्मीद में की थी कि शुक्रवार को ईद पड़ सकती है। इस वजह से शुक्रवार को बाजारों में खरीदारों की ज्यादा भीड़ नहीं दिखी।
कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआई) के संयुक्त सचिव उमर तिब्बत बाकल ने कहा कि ईद पर व्यापार की मात्रा उनके अनुमान के अनुसार लगभग 1500 से 2,000 करोड़ रुपये हुआ करती है, लेकिन इस साल यह काफी कम होगी। उन्होंने कहा सामानों की बिक्री में कमी के पीछे कई कारण हैं।
उन्होंने कहा कि बारिश, स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत श्रीनगर में चल रहे काम और नकदी की कमी ने इस त्योहारी सीजन को खराब कर दिया है। कश्मीर में लोग आम तौर पर दो दिन तक ईद-उल-फितर मनाते हैं और त्योहार सुबह सामूहिक प्रार्थना के साथ शुरू होता है। श्रीनगर में ईद की सबसे बड़ी नमाज डल झील के किनारे हजरतबल मस्जिद पुराने श्रीनगर में जामिया मस्जिद में होने की उम्मीद है।
जामिया मस्जिद के प्रबंध निकाय- अंजुमन औकाफ ने कहा कि ईद की नमाज़ सुबह 09 बजे भव्य मस्जिद में होगी। ईद की नमाज़ के बाद, लोग अपने रिश्तेदारों को बधाई देते हैं। स्थानीय लोग उत्सव के मौके पर कई तरह के व्यंजन तैयार करते हैं, जिनमें ज्यादातर मांसाहारी होते हैं।