नयी दिल्ली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा अब दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों में पढ़ाई अच्छी हो गई है और कम से कम 80 फीसदी प्राइवेट स्कूलों से अधिक अच्छे सरकारी स्कूल हो गए हैं।
केजरीवाल ने सोमवार को बादली विधानसभा क्षेत्र के लिबासपुर में एक स्कूल की नई इमारत का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वो दिल्ली को रोकते रहे और हम दिल्ली के लोगों के लिए काम करते रहे। लिबासपुर गांव में आज बेहद ही शानदार स्कूल इमारत की शुरुआत की। यह सरकारी स्कूल किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर और शानदार है। मॉडर्न क्लासरूम से लेकर लाइब्रेरी तक आधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाएं देखने को मिलेंगी। हम साफ़ नीयत और लगन से जनता के लिए काम करते हैं इसलिए तमाम रूकावटों के बाद भी हम लोगों के लिए ये सब कर पाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल होता था। स्कूल टैंट में चला करते थे। स्कूल की दीवारें नहीं होती थीं। क्लास में पंखे नहीं होते थे, टॉयलेट और पानी की सुविधाएं भी नहीं होती थी। बच्चे स्कूल में घंटे-दो घंटे रूकते थे और फिर वापस घर चले जाते थे। स्कूल में कोई पढ़ाई भी नहीं होती थी। एक गरीब आदमी बड़ी मजबूरी में अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजता था। दिल्ली में अमीर लोगों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते थे और गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में जाते थे। हमारी सरकार ने दिल्ली के अंदर अमीर-गरीब के बीच की खाई खत्म कर दी। अब सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों की तरह शानदार हो गए हैं। हमारे सरकारी स्कूलों के अच्छे नतीजे आने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों को शानदार करने का श्रेय मेरे 60 हजार शिक्षकों को जाता है जिन्होंने मिलकर दिल्ली की शिक्षा क्रांति में कमाल करके दिखाया है। दिल्ली में सिर्फ व्यवस्था बदली और अब ईमानदार सरकार आ गई है। यदि सरकार ईमानदार हो, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक ईमानदार हो तो व्यवस्था बदल जाती है। अब दिल्ली में एक ईमानदार सरकार है, इसलिए सारी व्यवस्था बदल गई है।