डिजिटल व्यैक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक को संसद की मंजूरी

नयी दिल्ली ,  राज्यसभा ने लोगों के निजी डाटा के दुरूपयोग पर रोक लगाने तथा इसके लिए सख्त प्रावधान करने वाले डिजिटल व्यैक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक को बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी।

लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए प्रवर समिति में भेजने का संशोधन प्रस्ताव दिया था हालाकि उनके सदन में मौजूद नहीं रहने के कारण यह पेश नहीं किया गया।

इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि

इस विधेयक के मसौदे पर पिछले छह वर्षों से विचार विमर्श किया जा रहा था। स्थायी समिति की 100 से अधिक बैठकों में भी इस पर व्यापक विचार विमर्श किया गया है।

उन्होंने कहा कि विधेयक में साधारण नागरिकों को अनेक अधिकार दिये गये हैं। विधेयक के प्रावधानाें के अनुसार जो भी संस्था नागरिक का डेटा लेती है उसे उसका इस्तेमाल कानून के अनुसार केवल उसी उद्देश्य के लिए करना होगा जिसके लिए डाटा दिया गया है। संस्था को उतना ही डाटा लेने का अधिकार होगा जितना उस कार्य के लिए जरूरी है। संस्था को कार्य पूरा होने के बाद डाटा को अपने स्तर पर मिटाना होगा। संस्था के लिए यह भी जरूरी किया गया है कि वह डाटा संरक्षण के लिए सभी जरूरी प्रावधान करे। डाटा के संरक्षण की जवाबदेही उसी संस्था की होगी जिसे वह सबसे पहले दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि विधेयक में ऐसे प्रावधान किये गये हैं कि दिनों दिन बदलती और उन्नत हो रही प्रौद्योगिकी के कारण इसमें बार बार संशोधन की जरूरत न पड़े। आठवीं सूची में शामिल सभी 22 भाषाओं को भी इस विधेयक में महत्व दिया गया है।

विधेयक में एक स्वतंत्र डाटा संरक्षण बोर्ड बनाने का प्रावधान है जिसमें इस विषय के विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा । यह बोर्ड विधेयक के प्रावधानों के अनुपालन के संबंध में फैसला देगा। बोर्ड के फैसलों को दूरसंचार न्यायाधिकरण तथा उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकेगी। डाटा के दुरूपयोग से संबंधित अपराधों के लिए बच्चों से संबंधित दायित्वों को पूरा न करने पर 200 करोड़ रुपए और डाटा दुरूपयोग के लिए सुरक्षात्मक उपाय न करने पर 250 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जायेगा।

बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विधेयक में डेटा के दुरूपयोग पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष को लेकर किये गये प्रावधानों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि डाटा के दुरूपयोग के लिए कुछ मामलों में और अधिक सख्त प्रावधान किये जाने चाहिए थे।

वाई एस आर कांग्रेस के एस निरंजन रेड्डी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह सरल तथा उद्देश्यपरक है। विधेयक में उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन किया गया है लेकिन इसके कुछ प्रावधानों के दुरूपयोग की आशंका है।

तमिल मनिला कांग्रेस मूपनार के जी के वासन ने उम्मीद जतायी कि इस विधेयक के कानून बन जाने से लोगों के डाटा की सुरक्षा हो सकेगी ।

वाईएस आर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने लोगों के फोन टेपिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विभिन्न एप के माध्यम से लोगों के फोन टेप किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की एप से डाटा की सुरक्षा की जानी चाहिए।

अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई ने लोगों के स्वास्थ्य डाटा की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे सुरक्षित रखने के पुख्ता प्रावधान किये जाने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *