जी-20 शिखर सम्मेलन से पूर्व राजधानी के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में स्थापित अष्टधातु से बनी ‘नटराज’ की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा के मुख्य शिल्पी राधाकृष्णन स्थापति को उनके असाधारण कलात्मक कौशल के लिए सम्मानित किया गया है।
इस प्रतिमा के निर्माण में कुल तीन लाख मानव श्रम घंटे का समय लगा, अर्थात् यदि एक व्यक्ति को इस मूर्ति को तैयार करना होता, तो उसे कुल तीन लाख घंटे या 12,500 दिन लगते। इसके निर्माण में 30 महीने का काम छह महीने में पूरा किया गया।
तमिलनाडु के स्वामीमलाई जिले के राधाकृष्णन को सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।