मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खुदीराम बोस के बलिदान दिवस पर नमन किया।
श्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। शहीद खुदीराम बोस को मात्र 19 साल की उम्र में 11 अगस्त 1908 को फाँसी दी गई। उनका जन्म 3 दिसम्बर 1889 को मिदनापुर जिले में हुआ। वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन के बाद खुदीराम बोस स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े। वे रिवोल्यूशनरी पार्टी में शामिल हुए। वंदे-मातरम के पर्चे वितरित करने और अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कोलकाता के मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड पर बम फेंकने के प्रयास में दो यूरोपियन महिलाओं की मौत हो गई। खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया और फाँसी की सजा सुनाई गई।