रायपुर छत्तीसगढ़ के मोहला मानपुर जिले में एक भाजपा नेता की कथित रूप से नक्सलियों द्वारा की गई हत्या के बाद भाजपा एवं सत्तारूढ़ कांग्रेस में जोरदार आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है।दोनो ने एक दूसरे पर इस हत्या में उसकी संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
मोहला मानपुर जिले भाजपा नेता बिरझू तारम की औधी थाना क्षेत्र में उस समय कल देर शाम हत्या कर दी गई थी,जब वह घर से दुर्गा पूजा देखने जा रहा था।पुलिस को आशंका है कि बिरझू की हत्या नक्सलियों ने की है।वह नक्सलियों की हिटलिस्ट में पिछले काफी समय से था।वहीं चुनावी मौसम में इस घटना को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा.रमन सिंह एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा नेता मनसुख मंडाविया समेत कई भाजपा नेता आज बिरझू की अन्त्येष्टि में शामिल हुए। मंडाविया ने कहा कि भाजपा नेताओं की इस प्रकार टारगेट किलिंग की घटना बेहद चिंताजनक स्थिति है। बिरझू तारम की हत्या छत्तीसगढ़ की क़ानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.सिंह ने कहा कि जिन परिस्थितियों में हत्या की गई उससे स्पष्ट है कि यह टारगेट किलिंग का मामला है और राजनीतिक षड्यंत्र इसके पीछे है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने इसे टारगेट किलिंग की घटना बताते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत में भाजपा मोहला-मानपुर क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ता बिरजूराम तारम की हत्या प्रदेश की कपटी सरकार की कानून-व्यवस्था की विफलता का जीता-जागता प्रमाण है। भाजपा अपने कार्यकर्ता की इस टारगेट किलिंग के मामले में त्वरित न्याय के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। लोकतंत्र में प्रतिद्वंद्वी होते हैं, शत्रु नहीं होते; लेकिन एक आदिवासी भाजपा कार्यकर्ता की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस घटना पर चुप्पी चिंताजनक है।
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा नेताओं और उनके प्रवक्ता गौरव भाटिया टार्गेट किलिंग, भ्रष्टाचार केंद्र की सहायता तमाम विषयों पर आरोप लगाकर गये। उनके बयानो से भाजपा का एक बार फिर से गिद्ध वाला चरित्र उभरकर सामने आया है। भाजपा लाशों पर राजनीति कर रही है। भाजपा की आदत बन गई है लाशों पर राजनीति करना। भाजपा जिस प्रकार से टारगेट किलिंग की बात कर रही उससे आशंका पैदा हो रही हैं।उन्होने कहा कि बिरझू तारम की हत्या में भाजपा की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिये। राजनैतिक फायदे के लिये यह घटना तो नहीं हुई? इस मामले में भाजपा के बयानों से साफ हो रहा इसमें भाजपा की सीधी संलिप्तता है।
उन्होने कहा कि जब केंद्र सरकार ने भाजपा के 24 नेताओं को खोज-खोज कर सुरक्षा प्रदान की तो बिरझू तारम को ही सुरक्षा क्यों नहीं दी गयी? भाजपा बतायें 24 नेताओं को सुरक्षा देने का क्या पैमाना था? बिरझू तारम को सुरक्षा नहीं देने का क्या पैमाना था? आज भाजपा के लोग दावा कर रहे बिरझू तारम को खतरा था तो यह बात उन्होंने पहले क्यों नहीं बताया था? उन्होने कहा कि टारगेट किलिंग तो इस प्रदेश में 2013 में हुई थी जब हमारे नेताओं को पूछ-पूछ कर झीरम में हत्या हुई थी। हमारे 31 नेताओं को नाम पूछ-पूछकर मारा गया था। कौन है नंदकुमार पटेल? कौन है दिनेश पटेल? महेंद्र कर्मा कहां है? नाम ले लेकर मारा गया। 15 सालों में कांग्रेस के 178 चिन्हांकित पदाधिकारियों की नक्सलियों ने हत्या किया था। झीरम में तो डा.रमन सिंह ने हमारे नेताओं की सुरक्षा हटाया था।