मतदाताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर चुनाव आयोग की रोक

रायपुर चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के हो रहे आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के साथ ही प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के प्रकाशन को रोकने के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज यहां इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत मतदान दिवस और उसके एक दिवस पूर्व प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक है। उन्होने बताया कि पहले चरण के मतदान दिवस के एक दिन पूर्व तथा मतदान दिवस को ( 06 और 07 नवम्बर को) एवं दूसरे चरण के मतदान दिवस के एक दिन पूर्व तथा मतदान दिवस को (16 एवं 17 नवम्बर को) प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के प्रकाशन के पूर्व जिला अथवा राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन अनिवार्य किया गया है।

उन्होने बताया कि मतदान दिवस के पूर्व एवं मतदान तिथि को प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के प्रकाशन के बाद वे दल अथवा प्रत्याशी जो इससे प्रभावित होते हैं, उनके पास किसी भी प्रकार की सफाई अथवा खंडन का अवसर नहीं होता। ऐसे में स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी है।

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