मध्यप्रदेश के पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि नगरीय प्रशासन, शहर के मुख्य मार्गों की सफाई के साथ गली-मोहल्लों की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दें। प्रदूषण नियंत्रण में इसका काफी प्रभाव पड़ता है।
श्री डंग ने यह बात आज भोपाल में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की केन्द्रीय नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला में कही। इसमें एनसीएपी में शामिल मध्यप्रदेश के 7 शहर- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन और देवास के नगर पालिक निगम आयुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक, सिटी लेवल इंप्लिमेंटेशन कमेटी के स्टेक होल्डर्स और विभिन्न विभागों के अधिकारी भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण विभाग द्वारा नगर निगमों को पर्यावरण-संरक्षण के लिए 36 करोड़ रूपये की राशि दी गई है। अच्छा काम करने पर यह राशि बढ़ाई जा सकती है। नगर निगम विभिन्न विभागों के समन्वय से वायु गुणवत्ता सुधार में सामूहिक प्रयास करें। शहरों के अलावा गाँव और कस्बों में भी जागरूकता बढ़ाएँ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आरंभ पर्यावरण-संरक्षण के अंकुर कार्यक्रम में अब तक 5 करोड़ पौध-रोपण हो चुका है, इसका आने वाले समय में बड़ा लाभ मिलेगा।
प्रमुख सचिव पर्यावरण गुलशन बामरा ने कहा कि शहरों में वायु प्रदूषण औद्योगिकीकरण, निर्माण कार्य, घूल-कण और लकड़ी-कचरा आदि जलाने तथा वाहनों के धुएँ आदि से होता है। इनको नियंत्रित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो नगर निगम शहर के वायु गुणवत्ता सुधारने का कार्य नहीं करेंगे उनकों मिलने वाली राशि में कटौती की जायेगी। वहीं अच्छा काम करने वालों की राशि में वृद्धि भी की जा सकेगी।
कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों और आईआईटी कानपुर के डॉ. मुकेश शर्मा ने भारत में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, एआरएआई पुणे के मौक्तिक बावसे ने सोर्स एपोर्शनमेंट स्टडी एण्ड एमिशन इनवेन्टरी ऑफ भोपाल सिटी और सीआईआई नई दिल्ली के शिखर जैन ने एयरशेड वेसिन एण्ड सोर्स एपोर्शनमेंट स्टडी ऑफ इंदौर सिटी पर प्रस्तुतिकरण दिया। सभी 7 शहर के नगर निगम आयुक्त ने अपने क्षेत्र के वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किये जा रहे कार्यों और अनुभवों को साझा किया।