अमृतपाल के आत्मसमर्पण की संभावना के बीच श्री दरबार साहिब के इर्दगिर्द सुरक्षा बढ़ाई

 अलगाववादी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के होशियारपुर में छिपे होने की सूचना के बाद अब उसके आत्मसमर्पण की संभावना को लेकर तलवंडी साबो और श्री दरबार साहिब के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।
सूत्रों अनुसार अमृतपाल ने आत्मसमर्पण के लिए पुलिस के सामने चार शर्तें रखी हैं। कहा जा रहा है कि अमृतपाल श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकता है।
अमृतसर के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार अमृतपाल द्वारा अमृतसर की बजाय लुधियाना में आत्मसमर्पण करने की संभावना है। उन्होंने बताया कि लुधियाना में भी कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं।
इससे पहले पुलिस ने एक खुफिया सूचना के आधार पर होशियारपुर में मंगलवार रात से बड़े स्तर पर तलाश अभियान चलाया लेकिन अभी तक पुलिस को अमृतपाल का कोई सुराग लगा है। पुलिस को सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देने की तैयारी में था। वह इंटरव्यू के लिए देर रात जालंधर जा रहा था। बताया जा रहा है कि अमृतपाल इंटरव्यू के बाद सरेंडर करने का प्लान बना रहा था। पुलिस को इस बात की जानकारी मिल गई, जिसके बाद पुलिस ने उसको पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया। अमृतपाल के होशियारपुर और नवांशहर के पास कहीं छुपा होने की आशंका में होशियारपुर में मरनाइयां कलां गांव में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है और साथ ही बैरिकेडिंग भी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल पंजाब पुलिस को एक बार फिर चकमा देकर भाग निकलने में सफल रहा।
पुलिस की टीम फगवाड़ा से एक गाड़ी का पीछा कर रही थी, जिसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी होशियारपुर जिले के मरनाइया गांव के एक गुरुद्वारे में घुसा दी। गाड़ी में सवार दो संदिग्ध दीवार फांद कर भाग निकले।
उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि वे कई एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे थे और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के बहुत करीब हैं। अमृतपाल के खिलाफ रेड कॉर्नर जारी किया जा चुका है और पड़ोसी देशों को जोड़ती सभी सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। पड़ोसी देशों की सरकारों से भी अमृतपाल को काबू करने के लिए मदद मांगी जा चुकी है।
गत 18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उनके खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब डे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद से उनका कोई पता नहीं चल रहा है, लगभग तीन हफ्ते बाद उन्होंने और उनके समर्थकों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई के लिए अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था। वह 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस के जाल से बच गया।
अमृतपाल और उनके सहयोगियों पर वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और लोक सेवकों द्वारा कर्तव्य के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामलों के तहत मामला दर्ज किया गया है। अमृतपाल के खिलाफ अभी तक छह प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट भी लगाया जा चुका है।

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