नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन

लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर कुल 23373 मामलों का हुआ निराकरण

69 करोड 56 लाख 68 हजार से अधिक की राशि पारित

भोपाल: 14 सितंबर 2024

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा द्वारा शनिवार को माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश/ सचिव श्रीमती आरती शर्मा, विशेष जिला न्यायाधीश राजर्षि श्रीवास्तव, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, जिला न्यायालय भोपाल के समस्त न्यायाधीशगण, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भोपाल श्री पंकज श्रीवास्तव एवं श्रद्धा खत्री, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री दीपक खरे एवं जिला अभिभाषक संघ भोपाल के सदस्यगण एवं जिला विधिक
सहायता अधिकारी अभय सिंह उपस्थित रहे।

    नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें कुल 59 खण्डपीठों का गठन किया गया। 

   नेशनल लोक अदालत में  प्रकरणों की संख्या 23373, लंबित रेफर्ड प्रकरणों की कुल 16961, निराकृत लंबित प्रकरणों की कुल 3273, प्री-लिटिगेशन रेफर्ड प्रकरणों की कुल 45086, निराकृत प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की कुल 20100, चेक बाउंस से संबंधित निराकृत कुल प्रकरणों की संख्या 576, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित निराकृत कुल प्रकरणों की संख्या 653, आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों की संख्या 736, पारिवारिक प्रकरणों की संख्या 122, बैंक रिकवरी के प्रकरणों की संख्या 348, व्यवहार वाद के प्रकरणों की संख्या 73, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों की संख्या 1536, श्रम विभाग से संबंधित प्रकरणों की संख्या 06, यातायात नियमों के उल्लघन संबंधी ई-टैफिक चालान 1854, जलकर एवं सम्मपति कर संबंधी प्रकरणों की संख्या 23944 एवं अन्य प्रकरणों की संख्या 746 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में अभी तक प्राप्त आकंड़ो के अनुसार कुल 23373 का  प्रकरणों का निराकरण किया।इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल अवार्ड राशि 69 करोड़ 56 लाख 68 हजार से अधिक की राशि पारित हुई।

   जिला भोपाल में नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रीलिटिगेशन के ट्रैफिक ई चालान जमा करने की सर्वप्रथम शुरूवात की गयी जिसे प्रदेश के सभी महानगरों में ट्रैफिक ई चालान के प्रीलिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे जाने लगे। इस बार कुल 1854 ट्रैफिक चालान का निराकरण किया गया जिसमें कुल 7 लाख 20 हजार 500 रूपये की राशि शासन के खाते में जमा की गई।

नेशनल लोक अदालत आयोजन दिनांक को बैंक द्वारा CSR योजना के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच जिला न्यायालय परिसर भोपाल के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं बैंकिंग संस्थान एवं शासन की योजनाओं के प्रसार प्रसार हेतु एक LED TV प्रदान की गई, जिसे जिला न्यायालय परिसर में CJM COURT के समीप स्थापित किया गया।

 CSR योजना अंतर्गत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण के उद्देष्य से प्लांट एवं प्लांटर जिला न्यायालय परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समीप स्थापित करवाया गया, साथ ही केन्द्रीय जेल भोपाल के द्वारा जेल में निर्मित सामग्री एवं पौधे एवं गमले विक्रय हेतु जिला न्यायालय परिसर भोपाल में स्टॉल लगाया गया तथा SOS बालग्राम एवं ज्ञानपथ शेल्टर होम के द्वारा वहाँ पर निवासरत बच्चों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का भी विक्रय हेतु स्टॉल लगाया गया।

   नेशनल लोक अदालत के उ‌द्घाटन अवसर पर डीफ केन फाउंडेशन द्वारा इंडियन साइन लैंग्वेज के संदर्भ में उपस्थित लोगों को सांकेतिक प्रषिक्षण प्रदान किया गया ताकि व्यक्ति डीफ समुदाय के लोगों के साथ उक्त साईन लैंग्वेज के माध्मय से उनके भाव समझकर यथा संभव मदद कर सकें एवं उक्त इंडियन साईन लैंग्वेज का प्रचार प्रसार हो सके। अधिवक्ता श्री हिंगोरानी की ओर से साउंड सिस्टम लोक अदालत के प्रचार प्रसार हेतु जिला न्यायालय में दिया गया।

नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय भोपाल के प्रवेश द्वार स्थित हॉल में विधि विद्यार्थियों द्वारा रंगोली बनाई गई तथा विधिक सेवा प्राधिकरण की समस्त योजनाओं के प्रिंट लगाकर आमजन को लोक अदालत का महत्व बताया गया, साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं के पेम्पलेट वितरित किये गये। लोक अदालत में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एवं जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी के लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

   लोक अदालत के सफल आयोजन में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण का भरपूर सहयोग रहा। यूनाईटेड इंडिया कंपनी द्वारा पक्षकार को 77 लाख क्लेम राशि का चैक प्रदान किया गया।

सफल स्टोरी

     आवेदिका एवं अनावेदक आज दिनांक को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुटम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बी.ए. प्रजापति एवं श्रीमती वर्षा शर्मा द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायालय कुटुम्ब न्यायालय भोपाल के समक्ष उपस्थित हुये जिसमे माननीय न्यायाधीशगण द्वारा भरण पोषण के प्रकरण में सुलह समझौता के माध्यम से पक्षकारो पति-पत्नि के मध्यम राजीनामा कर प्रकरण का निराकरण किया गया। उक्त प्रकरण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश  अमिताभ मिश्र के द्वारा पति-पत्नी को उपहार स्वरूप फलदार पौधा दिया गया।

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