सरकार ने शिकायत निवारण में वृद्धि की और विधवाओं को पेंशन सहायता के लिए एक विशेष अभियान चलाया


देश के दूर-दराज के इलाकों से भी नागरिकों की शिकायतों का समयबद्ध तरीके से सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के जरिए समाधान किया जा रहा है : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि देश के दूर-दराज के इलाकों से भी नागरिकों की शिकायतों का समयबद्ध तरीके से सीपीजीआरएएमएस पोर्टल की मदद से समाधान किया जा रहा है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने https://pgportal.gov.in पर उपलब्ध शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) की सफलता पर प्रकाश डाला। इस पोर्टल पर कोई भी नागरिक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) से संबंधित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के साथ सहयोग किया है। शिकायतें डाक/मेल के माध्यम से भी सरकार को भेजी जा सकती हैं। सरकार शिकायतों के समाधान पर नागरिकों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा ओड़िया सहित 10 क्षेत्रीय भाषाओं में 50 सीटों वाला फीडबैक कॉल सेंटर चला रही है। कॉल सेंटर नागरिकों को अपनी शिकायत के निवारण से संतुष्ट न होने पर अपील दायर करने में भी सहायता करता है।

केंद्रीय मंत्री ने विधवाओं को पेंशन सहायता के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के कार्यान्वयन पर भी प्रकाश डाला। इस योजना के तहत 40-79 वर्ष की आयु की विधवाओं को 300 रुपये प्रति माह और 80 वर्ष और उससे अधिक आयु की विधवाओं को 500 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में अपने जवाब में बताया कि पारिवारिक पेंशन शिकायतों के निवारण के लिए 1 जुलाई, 2024 से एक महीने तक चले विशेष अभियान से विधवाओं को काफी लाभ मिला। इस अभियान में अब तक 1140 पारिवारिक पेंशन मामलों का समाधान किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *