रथयात्रा के अगले दिन गुंडिचा में उत्सव, मौसी के हाथों ग्रहण कर रहे भोग प्रसाद, मौसी मां के घर आनंदित हैं महाप्रभु, घर में छाईं खुशियां

रेलवे परिक्षेत्र स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा के बीच भगवान मौसी के घर पहुंच गए हैं। सोमवार को भगवान ने बिल्कुल आम दिनचर्चा की तरह दिन गुजारा। 11 जुलाई को हेरा पंचमी है। 15 जुलाई को बाहुड़ा यात्रा होगी। यानी भगवान वापस अपने मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। इसके बाद नियमित रूप से यहां भक्त उनके दर्शन लाभ ले सकेंगे।महाप्रभु भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी के घर पहुंचने के बाद से आनंदित हैं। मां और बेटे के बीच गजब का वात्सल्य हो रहा है। घर में चारों ओर खुशियां छा गई है। महाप्रभु अभी बिल्कुल निश्चिंत हैं। भाई-बहन के साथ मौसी के हाथ का बना भोग प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। वहीं पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी दे रहे हैं।ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को 108 कलश जल के स्नान से महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा बीमार पड़ गए थे। 15 दिनों तक मंदिर के पट बंद कर अणसार कक्ष में पुजारियों व सेवादारों ने उनकी सेवा और जड़ी-बूटियों से चिकित्सा कर्म किया। 15 दिनों बाद स्वस्थ होने पर आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया यानी रविवार को महाप्रभु ने नवजोबन स्वरूप में दर्शन दिया।

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