लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज बुधवारा 10 अप्रैल को म.प्र. कांग्रेस कमेटी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री अरूण यादव सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति में न्याय पत्र का विमोचन हुआ । इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री अरूण यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की 80 प्रतिशत आबादी खेती किसानी से जुड़ी हुई है । पिछले 10 सालों में खेती पर लगने वाली लागत 4 गुना हो चुकी है । इसके अनुपात में किसानों को उनकी उपज का उचित एवं सही दाम नहीं मिल पा रहा है । इसके लिए कई बार देश एवं प्रदेश में किसान आंदोलन हुए । न्याय के लिए प्रदेश के किसानों ने गोलियां तक खाई है । यही स्थिति देश की राजधानी में भी हुई । किसान दिल्ली की सड़कोे पर केन्द्र सरकार से अपनी मांगों के लिए जुटे तब केन्द्र की भाजपा सरकार ने उनके साथ क्या किया समूचा देश जानता है ।
उपज के सही दाम न मिलने से निमाड़ में कपास रकबा हुआ कम – अरूण यादव
यादव ने आगे कहा कि जब मैं मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि विभाग मंत्री था तब हमनें किसान की जमीन अधिगृहण के एवज में लागत का चार गुना मूल्य दिये जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था । आज प्रदेश में भाजपा सरकार को 20 साल हो चुके हैं । किसानों से हर बार चुनाव के पहले बडे बडे वादे किये जाते हैं चाहे धान, गेंहु या निमाड़ के कपास खरीदी की बात हो उनको उचित दाम नहीं मिलता है । इसी के चलते किसानों को मजबूर होकर ओने पोने दामों में अपनी उपज को बेचना पड़ रहा है । यही स्थिति निमाड़ की है कपास का कटोरा कहे जाने वाले निमाड़ में किसानों ने कपास की फसल लगाना कम कर दी है । मनमोहन सिंह सरकार में हमनें किसानों को 10 हजार प्रति क्विंटल तक कपास के दाम दिलाए । पर आज 5 से 7 हजार प्रति क्विंटल दाम भी नहीं मिल रहा है । कांग्रेस पार्टी अन्नदाताओं को उनकी उपज का सही दाम मिले इसके लिए एमएसपी (समर्थन मूल्य) का गारंटी कानून बनाएंगे । इसके साथ ही 30 दिन के अंदर फसल बीमा का पैसा किसान के खाते में खेत को इकाई मानकर दिया जाएगा । श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार के नेतृत्व मे ंहम दुनिया की सबसे बड़ी किसानों की कर्ज माफी करेंगे, कमलनाथ सरकार ने 26 लाख किसानों का 13 हज़ार करोड़ रुपये की कर्जमाफी भी की थी ।