अर्जुन सिंह में उदारता, संवेदनशीलता और दया भाव का सर्वश्रेष्ठ गुण था: अजय

सीधी, मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने कहा है कि स्वर्गीय अर्जुन सिंह में उदारता, संवेदनशीलता और दया भाव का सर्वश्रेष्ठ गुण था। यही कारण है कि हर वर्ग और अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोग आज भी उन्हें चाहते हैं और तहे दिल से याद करते हैं।
 सिंह ने आज जिले के चुरहट स्थित पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यपाल और केन्द्रीय मंत्री स्व़ अर्जुन सिंह की 13वीं पुण्यतिथि पर राव सागर तालाब स्थित समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर सैकड़ों की संख्या में स्वर्गीय अर्जुन सिंह के चाहने वाले लगातार पहुंच रहे थे और अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। यहीं पर मेरठ से आये भाई गुरमीत सिंह ने सुमधुर आवाज में अपने साथियों के साथ गुरुवाणी प्रस्तुत की।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिवंगत नेता श्री अर्जुन सिंह ऐसे नेता थे जिन्होंने प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के सर्वहारा वर्ग के लिये जी जान से काम किया। सूझ-बूझ और पारखी नज़र के साथ कुशल प्रशासनिक दक्षता और संगठन क्षमता का अदभुत संगम उनके पूरे व्यक्त्वि में था।
उन्होंने कहा कि स्व अर्जुन सिंह के जमाने की राजनीति में सेवा भाव था, जो अब नहीं दिखता। उनके सानिध्य का अहसास, उनके विचारों की सुगंध, उनकी शालीनता और व्यक्तित्व की परछाई प्रत्येक व्यक्ति को चुरहट की माटी का अहसास करा देती है। प्रत्येक व्यक्ति के पास स्व. अर्जुन सिंह के साथ का अलग अलग अनुभव है। यह सीधी के लिए गौरव की बात है कि एक ऐसे विराट व्यक्तित्व ने इस माटी में जन्म लिया। उन्होंने पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए महाजन आयोग बनाया जो ओबीसी के बारे में सोचने और करने के लिए देश में पहला कदम था। हजारों आदिवासियों को उन्होंने तेंदू पत्ता नीति के माध्यम से उनका हक दिलाया। झुग्गी झोपड़ीवासियों को पट्टे और एक बत्ती कनेक्शन दिए। रिक्शे वालों को मालिकाना हक़ दिया और अनेक केन्द्रीय स्कूल और संस्थान मध्यप्रदेश को दिए।
इस अवसर पर डाॅ महेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री बंसमणि वर्मा, विधायक यादवेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना, राकेश रतन सिंह, पूर्व विधायक विद्यावती पटेल, पूर्व महापौर राजाराम त्रिपाठी, अभय सिंह रोली, पूर्व विधायक रामलखन पटेल, शिवप्रसाद प्रधान, गन्नेंद्र सिंह नागौद, धर्मेश घई, रामनिवास उर्मलिया सहित बड़ी संख्या में श्री अर्जुन सिंह के अनुयायी, स्नेही और साथी सहयोगी उपस्थित थे।

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