जनजातीय युवाओं को व्यवसाय गतिविधियों के लिए एक लाख से 25 लाख की वित्तीय सहायता

भोपाल: 17 फरवरी 2024

 जनजातीय कार्य विभाग के अधीन आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा तीन नई वित्तीय सहायता योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें से भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना, 'मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना' और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के माध्यम से जनजातीय वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उनके समग्र कल्याण के प्रयास किये जा रहे हैं। आदिवासी वित्त एवं विकास निगम को 'भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना' में वित्तीय सहायता की व्यवस्था की जा चुकी है। इस योजना में जनजातीय युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक लाख से 50 लाख रूपये तथा सेवा व व्यवसाय गतिविधियों के लिए एक लाख से 25 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से दी जाती है। बैंक ऋण पर अधिकतम सात वर्षों के लिए पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं बैंक गारंटी का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है।

 'टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना' में निगम द्वारा पात्र हितग्राहियों को आर्थिक सहायता वितरित का प्रावधान किया जा चुक हैं। इस योजना में जनजातीय युवाओं को 10 हजार से एक लाख रूपए तक की स्व-रोज़गार परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से दी जाती है। बैंक ऋण पर अधिकतम पाँच वर्षों के लिए सात प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं बैंक गारंटी राज्य शासन द्वारा दी जाती है। इन दोनों योजनाओं से संबंधित विस्तृत जानकारी एवं लाभ प्राप्ति के लिए "समस्त पोर्टल" https://samast.mponline.gov.in पर लॉग-इन कर या जिला स्तर पर जिला संयोजक जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

             इसी प्रकार 'मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना' में जनजातीय युवाओं को आजीविका, स्वरोजगार एवं नवाचार से संबंधित सामुदायिक अधोसंरचना निर्माण तथा इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों की दो करोड़ रूपये तक की ऐसी परियोजनाएं, जिनका क्रियान्वयन लाईन विभागों की किसी प्रचलित योजना/परियोजना में किया जाना संभव नहीं हो, उसका शत-प्रतिशत शासन अनुदान से वित्त पोषण किया जाता है। इस योजना का क्रियान्वयन लाईन विभागों/कलेक्टर के माध्यम से किया जा रहा है।

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