चालू वित्त वर्ष में वा‍स्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान

नयी दिल्ली,  चालू वित्त वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया और पिछले चार वर्षों में पूंजीगत व्‍यय को बढ़ाकर तीन गुना कर देने के परिणामस्‍वरूप देश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर व्‍यापक गुणक प्रभाव पड़ रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नए संसद भवन में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुये घोषणा की कि अगले वर्ष के लिए पूंजीगत व्‍यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपये किया जा रहा है जो सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगा।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राष्‍ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान, जिसे वित्त मंत्री के भाषण के साथ पेश किया गया के अनुसार भारत में वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अपनी दमदार मजबूती का प्रदर्शन किया है और इसके साथ ही उल्‍लेखनीय वृहद आर्थिक तत्‍वों को बरकरार रखा है। अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अक्‍टूबर 2023 में अपने विश्‍व आर्थिक आउटलुक में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में अपने विकास अनुमान को संशोधित करके जुलाई 2023 के अनुमानित 6.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। यह ऐसे समय में भारत की दमदार आर्थिक क्षमता में पूरी दुनिया के बढ़ते विश्‍वास को दर्शाता है जब वर्ष 2023 में वैश्विक विकास का अनुमान तीन प्रतिशत पर यथावत रहा है।

आईएमएफ के अनुसार भारत के वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन जाने की प्रबल संभावना है और यह भी अनुमान लगाया गया है कि पांच वर्षों में वैश्विक विकास में भारत का योगदान दो प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसके अलावा विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय एजेंसियों जैसे कि विश्‍व बैंक, आईएमएफ, ओईसीडी, और एडीबी ने वर्ष 2024-25 में भारत में आर्थिक विकास दर क्रमश: 6.4, 6.3, 6.1, और 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ने से राजस्‍व संग्रह में तेज उछाल देखने को मिली है। उन्‍होंने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह दिसंबर 2023 में 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा है। दरअसल, सातवीं बार सकल जीएसटी राजस्‍व 1.6 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार चला गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ और 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसी तरह कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *