श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी दृढ़ता के साथ चार प्रमुख जातियों पर भरोसा करते हैं और इसके साथ ही इन पर फोकस करते हैं। चार प्रमुख जातियां ये हैं- गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता। उन्होंने कहा कि इन सभी की जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं, उनका कल्याण करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि जब वे तरक्की करते हैं तो देश तरक्की करता है।
उन्होंने बताया कि इस सरकार ने विकास के प्रति मानवीय और समावेशी अवधारणा अपनाई है जो अत्यंत उल्लेखनीय है और इसके साथ ही यह ‘गांव स्तर तक प्रावधान करने’ की पिछली अवधारणा से बिल्कुल हटकर है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में चलाए गए विकास संबंधी कार्यक्रमों ने ‘सभी के लिए आवास’, ‘हर घर जल’, ‘सभी के लिए बिजली’, ‘सभी के लिए रसोई गैस’, ‘सभी के लिए बैंक खाते एवं वित्तीय सेवाओं’ के जरिए रिकॉर्ड समय में हर परिवार एवं व्यक्ति को लक्षित किया है।
वित्त मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सरकार विकास के प्रति ऐसी अवधारणा के साथ काम कर रही है जो कि सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी है। इसमें सभी जातियों के साथ-साथ समस्त स्तरों पर लोगों को कवर किया जाता है। उन्होंने कहा, “ हम वर्ष 2047 तक देश को ‘विकसित भारत ’ बनाने की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें देशवासियों की क्षमता बढ़ाने और इसके साथ ही उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता है। इससे पूर्व, सामाजिक न्याय अधिकतर एक राजनीतिक नारा था। हमारी सरकार के लिए, सामाजिक न्याय एक प्रभावशील और आवश्यक शासन मॉडल है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले 10 वर्षों में व्यापक सकारात्मक बदलाव आया है और भारत के लोग उम्मीद और आशावादिता के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा “रोजगार और उद्यमशीलता के लिए और अधिक अवसरों के लिए स्थितियों का सृजन किया गया। अर्थव्यवस्था को एक नई ऊर्जा प्राप्त हुई। विकास के लाभ व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंचने आरंभ हो गए। देश को उम्मीद की नई भावना प्राप्त हुई।”
वित्त मंत्री ने कहा कि इन दस वर्षों मे ‘सबका साथ’ के उद्देश्य के साथ सरकार नए 25 करोड़ लोगों की बहु आयामी निर्धनता से मुक्ति दिलाने मे सहायता की है और सरकार के प्रयास अब ऐसे सशक्त लोगों की ऊर्जा और उत्साह के साथ समन्वित हो रही है।
उन्होंने कहा कि पीएम मुद्रा योजना में उद्यमशीत आकांक्षियों के लिए 22.5 लाख करोड़ रुपये के बराबर के 43 करोड़ ऋणों को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को प्रदान किए गए हैं। अंतरिम बजट में कई घोषणाएं और कार्यनीतियाँ शामिल हैं जो 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करने के लिए दिशाओं और विकास दृष्टिकोण का संकेत देती हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कई घोषणाएं करते हुए कहा कि सरकार पूर्वी क्षेत्र और इसके लोगों को भारत के विकास का एक शक्तिशाली वाहक बनाने के लिए पूरा ध्यान देगी। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) तीन करोड़ घरों के लक्ष्य को अर्जित करने के निकट है तथा दो करोड़ और घरों का निर्माण परिवारों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न होने वाली आवश्यकता की पूर्ति के लिए किया जाएगा। इसी प्रकार रूफ़टॉप सोलर परियोजना के माध्यम से एक करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना ने 38 लाख किसानों को लाभ पहुंचाया और 10 लाख रोजगार का सृजन किया है। प्रधानमंत्री फॉर्मालाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजिज योजना ने क्रेडिट लिंकेज के साथ 2.4 लाख एसएचजी और 60,000 व्यक्तियों की सहायता की है।
उन्होंने घोषणा की कि हमारे तकनीकविद् युवकों के लिए यह एक स्वर्णिम युग होगा क्योंकि 50 वर्ष के ब्याज ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपये की निधि की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कॉर्पस दीर्घकालिक वित्तपोषण या लंबी अवधि के पुनर्वित्त और निम्न या शून्य ब्याज दर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि यह निजी क्षेत्र को भी सनराइज सेक्टरों में उल्लेखनीय रूप से अनुसंधान एवं नवोन्मेषण को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए, तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों – ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारा, बंदरगाह संपर्क गलियारा और उच्च ट्रैफिक घनत्व गलियारा को क्रियान्वित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 40,000 सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों में रूपांतरित किया जाएगा जिससे यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और आराम में बढ़ोतरी हो सके। विमानन क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या दोगुना वृद्धि से 149 हो गई है, जो आज देश में 517 नए मार्गों पर 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। देश की विमानन कंपनियों ने सक्रिय रूप से एक हजार से अधिक नए हवाई जहाजों के ऑर्डर दिए हैं।