भारतीय जनता पार्टी के हरनाथ सिंह यादव ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि इससे मुसलमान और ईसाई महिलाओं को उनके अधिकार मिल जा सकेंगे।
यादव ने सदन में शून्य काल में ‘सभापति की अनुमति से उठाए गए मुद्दे’ के दौरान कहा कि देश में लगभग 10 करोड़ बहनों को उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। यह बहनें मुस्लमान और इसाई समुदाय से संबंधित है। मुसलमान और ईसाई समुदाय की महिलाओं को विवाह विच्छेद होने पर तथा संपत्ति और गोद लेने जैसे अधिकार नहीं है। इससे कई बार उनका जीवन कठिन हो जाता है। ये महिलाएं विवाह विच्छेद होने पर हिंदू धर्म की महिलाओं के समान गुजारा भत्ता नहीं ले पाती। इन्हें परिवार की संपत्ति में समान अधिकार भी प्राप्त नहीं है। यह महिलाएं आवश्यक होने पर भी बच्चे गोद नहीं ले पाती हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं का उन्मूलन करने की पहल की है। सरकार को इन महिलाओं के लिए भी समान अधिकार में संहिता लागू करनी चाहिए। इससे हिंदू, मुसलमानऔर ईसाई समुदाय समेत सभी भारतीय महिला नागरिकों के अधिकार समान हो सकेंगे और सभी सम्मान पूर्वक जीवन जीने के अधिकारी हो जायेंगी।