राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2023 की मतगणना कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार सुबह आठ बजे शुरु हो गई।
199 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना 33 जिला मुख्यालयों के 36 केन्द्रों पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त के बीच शुरु हुई । सबसे पहले उम्मीदवारों एवं पर्यवेक्षकों के समक्ष स्ट्रांग रुम को खोला गया और डाक मतपत्रों की गिनती शुरु की गई। मतगणना शुरु होने से पहले सुबह पांच बजे मतगणनाकर्मियों को मतगणना टेबल का आवंटन किया गया।
डाक मतपत्रों के जरिए चार लाख 66 हजार 881 मत पड़े, इनमें सुबह आठ बजे तक प्राप्त मतपत्रों की गिनती शुरु कर दी गई। इसके बाद साढ़े आठ बजे इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतपत्रों की गिनती शुरु होगी। इस चुनाव में इ्रवीएम के जरिए तीन करोड़ 92 लाख 11 हजार 399 मत प़ड़े। इनमें दो करोड़ तीन लाख 83 हजार 757 पुरुष मतदाताओं जबकि एक करोड़ 88 लाख 27 हजार 294 महिला मतदाताओं के मत शामिल है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के अनुसार मतगणना त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच 2552 टेबलों पर 4180 राउंड में की जायेगी। मतगणना प्रक्रिया की वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी कवरेज होगी और मतगणना स्थल पर ट्रेंड–टीवी पर भी रुझान जारी किए जायेंगे।
उन्होंने बताया कि मतगणना के लिए 1121 एआरओ की ड्यूटी लगाई गई है। जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो–दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक–एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राउंड पूरा होने पर नियमानुसार उस राउंड के परिणाम की घोषणा की जायेगी तथा दूसरे राउंड की गिनती प्रारंभ होगी।
उन्होंने बताया कि मतगणना सेंटर पर प्रत्येक विधानसभा के लिए पृथक–पृथक मतगणना हॉल बनाए गये है जहां आयोग के निर्देशानुसार टेबलों की व्यवस्था पोस्टल बैलेट एवं ईवीएम की मतगणना के लिए की गई है। गुप्ता ने बताया कि ईवीएम की मतगणना टेबल पर काउंटिंग सुपरवाईजर, काउंटिंग असिस्टेंट, काउंटिंग स्टाफ तथा एक माइक्रोऑब्जर्वर मौजूद है।
इसी प्रकार, पोस्टल बैलेट की गणना टेबल पर एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी, एक काउंटिंग सुपरवाईजर, दो काउंटिंग असिस्टेंट तथा एक माइक्रोऑब्जर्वर रहेगा। माइक्रोऑब्जर्वर केन्द्र सरकार के विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद है। मतगणना में सबसे अधिक 34 राउंड शिव विधानसभा क्षेत्र में तथा सबसे कम 14 राउंड अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में होगें।
उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल के बाहर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है और किसी भी व्यक्ति को बिना अनुमति के कमरे में प्रवेश करने या छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मतगणना कार्मिक परिणाम घोषित होने के बाद ही आरओ की अनुमति से मतगणना हॉल छोड़ेंगे। मतगणना केंद्र के अंदर आयोग के पर्यवेक्षकों और काउंटिंग डेटा प्रसारित करने के आधिकारिक उपयोग के लिए आवश्यक उपकरणों के अतिरिक्त किसी भी मोबाइल फोन, आई–पैड, लैपटॉप अथवा किसी भी ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग उपकरण की अनुमति नहीं होगी।
गुप्ता ने बताया कि सभी सीयू, वीवीपैट मशीनों और संबंधित दस्तावेजों को स्ट्रॉन्ग रूम से लेकर काउंटिंग हॉल तक और मतगणना पश्चात वापस स्ट्रॉन्ग रूम तक लाने–ले जाने की कार्यवाही की निर्बाध सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित की गई है। इस अवधि की सीसीटीवी कवरेज उम्मीदवार अथवा उनके एजेंट मतगणना हॉल में टीवी एवं मॉनिटर पर देख सकेंगे। काउंटिंग हॉल में संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया की 360 डिग्री सीसीटीवी कैमरा या वीडियोग्राफी से मय दिनांक और समय की मोहर के साथ कवरेज की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पुलिस को अफवाहों को प्रभावहीन करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं के आदान–प्रदान पर निगरानी रखते हुए किसी भी प्रकार की भ्रामक, आपत्तिजनक पोस्ट पर तत्काल कार्यवाही करने को कहा गया है। मतगणना के दौरान एवं चुनाव के परिणाम घोषित होने के पश्चात कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग, पुलिस बंदोबस्त, पार्किंग व्यवस्था आदि के लिए उचित प्रबंध जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर सुनिश्चित किए गए है।
उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार मतगणना के पश्चात विजय जुलूस, हर्ष फायरिंग, डीजे वाहन का प्रयोग, वाहन रैली आदि जैसे आयोजनों पर रोक रहेगी।
मतगणना से चुनाव लड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, उपनेता प्रतिपक्ष डा सतीश पूनियां एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल सहित 1860 से अधिक उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला हो जायेगा।
राज्य की 16वीं विधानसभा के लिए गत 25 नवंबर को मतदान हुआ जिसमें 75..45 प्रतिशत मतदान हुआ जो वर्ष 2018 के मुकाबले 0.73 प्रतिशत अधिक हैं।
मतगणना में कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भारत आदिवासी पार्टी, जननायक जनता पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी सहित करीब अस्सी पार्टियों के उम्मीदवार एवं लगभग 730 निर्दलीय प्रत्याशियों सहित 1860 से अधिक उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा। इस बार राज्य की 200 विधानसभा सीटों में 199 सीटों के लिए चुनाव हुआ जबकि गंगानगर जिले में करणपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण करणपुर सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया।
इन प्रत्याशियों में गहलोत सरकार के कई मंत्रियों शांति धारीवाल, बी डी कल्ला, भजन लाल जाटव, विश्वेन्द्र सिंह, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र सिंह यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, राम लाल जाट, महेंद्रजीत सिंह मालवीय एवं अशोक चांदना आदि भी शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेस और भाजपा के कई दर्जन विधायकों के चुनावी भाग्य का भी फैसला होगा वहीं दिग्गज नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल एवं दीपेन्द्र सिंह शेखावत का भी चुनावी भाग्य का फैसला होगा।
इसी तरह सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा एवं देवजी पटेल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, प्रदेश के पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, यूनुस खान, रोहिताश्व शर्मा, हबीबुर्रहमान, वीरेन्द्र सिंह बेनीवाल तथा निर्दलीय विधायक बलजीत सिंह यादव, सुरेश टांक, आलोक बेनीवाल का भी चुनावी भाग्य का फैसला होने वाला है।
इस चुनाव में 183 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा जिसमें गहलोत सरकार की मंत्री ममता भूपेश, शकुंतला रावत, एवं जाहिदा खान, पूर्व मंत्री अनीता भदेल, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई ज्योति मिर्धा, कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनियां एवं दिव्या मदेरणा तथा भाजपा की संतोष अहलावत तथा कांग्रेस के नेता रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला डूडी सहित कांग्रेस की 28 महिला उम्मीदवार एवं भाजपा की 20 महिला प्रत्याशी शामिल हैं।