कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दल राज्य में अमूल उत्पादों की बिक्री पर राजनीति कर रहे हैं।
श्री बोम्मई ने कहा कि ब्रांड ‘नंदिनी’ देश में नंबर वन बनेगी, लेकिन अमूल को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। ‘नंदिनी’ के उत्पाद अन्य राज्यों में बेचे जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन और किसानों के हितों को प्रभावित करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने बेंगलुरु में कहा कि अमूल ‘नंदिनी’ के लिए खतरा है और देसी ब्रांड ‘नंदिनी’ का अपमान है। कर्नाटक में 18 अलग-अलग ब्रांड बेचे जाने के बावजूद ‘नंदिनी’ बाजार में सबसे पसंदीदा ब्रांड बनी हुई है। यह इसके उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के कारण है।
मंत्री ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पहली बार किसानों को दो रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी थी। अब इसे बढ़ाकर पांच रुपये कर दिया गया है। अगर किसी सरकार ने हमारे किसानों और ‘नंदिनी’ का सबसे अधिक समर्थन किया है, तो वह भाजपा सरकार है।” उन्होंने कहा कि ‘नंदिनी’ किसी भी प्रतियोगिता का सामना करने के लिए तैयार हैं।
श्री सुधाकर ने कहा कि ‘नंदिनी’ के उत्पाद विदेशों में भी बिक रहे हैं। ‘नंदिनी’ का दूध तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी बिक रहा है। कर्नाटक कांग्रेस ने राज्य में अपने उत्पादों की बिक्री के खिलाफ अमूल विरोधी अभियान शुरू किया है।
श्री सिद्धारमैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक के किसानों को रोटी उपलब्ध कराने वाले ‘नंदिनी’ ब्रांड को ‘बंद’ करने के लिए तैयार हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में अमूल को बढ़ावा देने का मकसद ‘नंदिनी’ ब्रांड को खत्म करना है। जनता दल (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने राज्य के लोगों से कर्नाटक में अमूल उत्पादों की बिक्री का विरोध करने को कहा। उन्होंने दावा किया कि अमूल को राज्य पर थोपा जा रहा है।