कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार सच से डरती है और सच सामने नहीं आए इसलिए वह विपक्षी नेताओं तथा मीडिया की आवाज दबाना चाहती है व इसके लिए मनमाने तरीके से आईटी कानून में संशोधन कर उसने अधिसूचना भी जारी कर दी है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार सच को दबाना चाहती है और उसके खिलाफ जो भी खबर सोशल मीडिया पर आए उसे फेक न्यूज़ करार देकर उसे हटाने के लिए कानून में बिना चर्चा की संशोधन कर इस बारे में अधिसूचना भी जारी की गई है।
उन्होंने कहा,“अब हालात बदल गए हैं और ऐसा लगता है कि विपक्ष की आवाज दबाते दबाते सरकार अब बोलने की आजादी पर सेंसर लगा रही है। उसकी योजना सोशल मीडिया पर भी फेक न्यूज़ के नाम से प्रतिबंध लगाने की है और इसलिए आईटी कानून में बिना चर्चा के संशोधन कर इस बारे में अधिसूचना जारी की गई है।”
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इसको लेकर बहुत तरीके से कदम उठाए हैं। पहले जनवरी में कानून लाई कि फेक न्यूज़ पर नजर रखी जाएगी लेकिन अब उसमें आगे बढ़ते हुए कहा गया है कि सोशल मीडिया पर जो भी बात केंद्र सरकार के खिलाफ आएगी फेक न्यूज़ मानते हुए उसे सोशल प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ की क्या फेक न्यूज़ है, क्या नहीं है, यह सरकार को ही तय करना है और उससे ही उस इस न्यूज़ को सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म से हटाना है।
उन्होंने कहा कि आज सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा का भी है। राष्ट्रीय मीडिया में कहीं कोई खबर सरकार की नीतियों के विरुद्ध नहीं आ रही है और सोशल मीडिया स्वच्छंद रूप से एक के बाद एक खुलासे कर रहर है इसलिए सरकार अवसर पर उतर आई है।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार पर सच क छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा,“सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं। सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपए बेनामी पैसे किसके है।”