द्रमुक के भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई का दरवाजा खटखटाएगी भाजपा

 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के पुत्र एवं दामाद पर एक साल के भीतर भ्रष्टाचार करके 30 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित किये जाने के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की है।
भाजपा के प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने आज यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तमिलनाडु की संस्कृति, भारत की विरासत है, लेकिन प्रदेश की द्रमुक सरकार इस विरासत में भ्रष्टाचार का जहर घोल रही है। जब से द्रमुक की सरकार तमिलनाडु में आई है तब से वहां भ्रष्टाचार और भी बढ़ गया है।
श्री इस्लाम ने कहा कि तमिलनाडु के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने 14 अप्रैल को द्रमुक सरकार के भ्रष्टाचार एवं पैसे की लूट को दर्शाने वाले दस्तावेजों का पुलिंदा ‘डीएमके फाइल’ जारी की है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार में वित्तमंत्री त्यागराजन का एक वीडियाे वायरल हुआ है जिसमें वह पत्रकारों को स्वयं बता रहे हैं कि श्री स्टालिन के दामाद वी सबरीसन एवं पुत्र उदयनिधि स्टालिन ने भ्रष्टाचार के माध्यम से 30 हजार करोड़ रुपए की कमाई की है और अब वे इस चिंता से ग्रसित हैं कि इस काली कमाई को छिपायें कैसे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि द्रमुक सरकार काले धन को सफेद करने के नए तरीके खोजने के शर्मनाक प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री श्री स्टालिन के दामाद वी सबरीसन ने ब्रिटेन में दो कंपनियां स्थापित की हैं। और ये तथाकथित कंपनियां और कुछ नहीं बल्कि अवैध रूप से अवैध रूप से अर्जित धन को सफेद करने के साधन हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा है कि हम करप्शन को जड़ से उखाड़ना चाहते हैं। इसके लिए काफी नीतियां भी बनाई गई हैं लेकिन कुछ ऐसे नासूर हैं जो आपके सामने हैं और ये संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के साझीदार हैं। उन्होंने कहा, “चाहे वह राहुल गांधी हों, चाहे वाड्रा हों या गांधी परिवार के कुछ और लोग हों… जिस तरह से ये परिवार देश में भ्रष्टाचार कर रहा था उसी प्रकार द्रमुक का परिवार भी भ्रष्टाचार कर रहा है।”
श्री इस्लाम ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने सीबीआई से समय मांगा है ताकि वह जांच एजेंसी को संबंधित दस्तावेज एवं वीडियो उपलब्ध करा सकें ताकि मामले की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच हो सके और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके।

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