त्रिपुरा विधानसभा चुनाव परिणाम के डेढ़ महीने बाद विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने शुक्रवार को दावा किया कि शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन की टिपरा मोथा पार्टी ने विपक्षी वोटों को विभाजित करके राज्य में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को सत्ता प्राप्त करने में मदद की।
श्री चौधरी ने कहा कि माकपा ने राज्य चुनाव परिणाम की समीक्षा करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तरीय समिति का गठन किया था, जो कि सही प्रतीत होता है और इसे राज्य समिति को सौंप दी गई है। इसमें यह खुलासा किया गया है कि माकपा-कांग्रेस गठबंधन 60 सदस्यीय विधानसभा 22 गैर आरक्षित सीटों में कम से कम 16 सीटों पर टिपरा के कारण हार गई।
उन्होंने कहा कि अगर टिपरा सामान्य सीटों पर चुनाव नहीं लड़ती और उन सीटों पर आदिवासी वोट नहीं काटती, तो भाजपा की जीत केवल 11 निर्वाचन क्षेत्रों तक ही सीमित रहती।