महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य का समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं गौरवशाली इतिहास रहा है: राज्यपाल

झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य स्थापना दिवस पर यहां राज भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इन दोनों राज्यों का समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं गौरवशाली इतिहास रहा है जिस पर प्रत्येक देशवासी को गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि इन राज्यों का हमारे राष्ट्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। आज अगर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, तो उसमें इन दोनों राज्यों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि झारखण्ड में रहनेवाले महाराष्ट्र एवं गुजरात के लोग यहाँ विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र महान छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि है। छत्रपति शिवाजी महाराज जी का महान व दूरदर्शी व्यक्तित्व सम्पूर्ण विश्व को प्रेरित करता रहा है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि ‘नमक सत्याग्रह’ या ‘दांडी मार्च’, ‘बारडोली सत्याग्रह’, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ जैसे आंदोलन इन क्षेत्रों में ही उप्तन्न हुए थे। इन आंदोलनों में देश भर के लोगों की व्यापक भागीदारी देखी गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं सरदार वल्लभभाई पटेल जी के कुशल नेतृत्व का सदैव स्मरण किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि गुजरात अपनी बेहतर उद्यमशीलता के लिए भी जाना जाता है। यह उद्योगों व व्यवसायों का केन्द्र बन गया है, वहीं मुम्बई देश की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है, वहाँ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज समेत कई प्रमुख वित्तीय संस्थान मौजूद हैं। पर्यटन के क्षेत्र में ये राज्य अग्रणी हैं।
इस अवसर पर स्वागत भाषण करते हुए राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी ने कहा कि महाराष्ट्र व गुजरात दोनों भाई-भाई हैं और दोनों प्रगति के शिखर पर विद्यमान हैं। इनका सामाजिक-आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान है।
इस मौके पर गुजराती सामाज द्वारा गरबा नृत्य, मराठी समाज के श्रीमती वंदना धामोरी द्वारा भजन, उपायुक्त, लोहरदगा डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण द्वारा गायन प्रस्तुत किया गया।

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