वर्ष 2022 में 58 देशों के लगभग 25.8 करोड़ लोगों ने ‘संकटपूर्ण या सबसे खराब स्तर पर अत्यधिक खाद्य असुरक्षा’ का सामना किया, जबकि इससे पिछले वर्ष यह आंकड़ा अपेक्षाकृत बहुत कम 53 देशों के 19.3 करोड़ लोगों का था।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की बुधवार को जारी नवीनतम ‘खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट’ में यह जानकारी दी गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाले लोगों की संख्या लगातार चौथे साल बढ़ी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट भुखमरी समाप्त करने में मानवीय विफलता का गंभीर उदाहरण है।
श्री गुटेरेस ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में लिखा, “एक अरब के एक चौथाई हिस्से से अधिक लोग अब भूख के गंभीर स्तर का सामना कर रहे हैं, और कुछ भुखमरी के कगार पर हैं। यह पूरी तरह अनुचित है। खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट का यह सातवां संस्करण भुखमरी को समाप्त करने और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा एवं बेहतर पोषण प्राप्त करने के सतत विकास लक्ष्य की दिशा में प्रगति करने में मानवीय विफलता का एक गंभीर उदाहरण है।”
एफएओ ने कहा कि खाद्य सुरक्षा में योगदान देने वाले ‘संचयी वैश्विक आर्थिक झटकों’ में बढ़ती खाद्य कीमतें और बाजार में व्यवधान शामिल हैं। एजेंसी ने पाया है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, क्योंकि दोनों देश पारंपरिक रूप से गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल सहित प्रमुख खाद्य वस्तुओं के उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देते रहे है। रिपोर्ट के अनुसार अत्यधिक खराब मौसम भी वैश्विक खाद्य असुरक्षा का एक प्रमुख कारक है।
खाद्य असुरक्षा से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश मध्य एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में है। अत्यधिक खाद्य असुरक्षा से पीड़ित वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सिर्फ पांच देशों अफगानिस्तान, कांगो, इथियोपिया, नाइजीरिया और यमन में है।
एफएओ के मुताबिक सात देशों की आबादी खाद्य असुरक्षा के सबसे गंभीर स्तर ‘भुखमरी और भीषण अभावग्रस्तता, या तीव्र भूख के उच्चतम स्तर’ से पीड़ित हैं, जिसका आधे से अधिक हिस्सा अकेले सोमालिया में है। पीड़िताें की उस श्रेणी वाले अन्य देश अफगानिस्तान, बुर्किना फासो, हैती, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और यमन हैं। एफएओ ने कहा कि हैती पहली बार इस सूची में शामिल हुआ है।
कुल 58 में से 38 देशों के लिए उपलब्ध 2023 के अनुमानों के अनुसार, इस वर्ष 15.3 करोड़ लोग ‘संकटपूर्ण या बहुत खराब स्तर पर अत्यधिक खाद्य असुरक्षा’ से पीड़ित होंगे।