नयी दिल्ली, गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को ‘राजनीति प्रेरित’ और देश में ‘भ्रांति’ फैलाने वाला करार देते हुए कहा है कि देश और सदन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर पूरा विश्वास है।
शाह ने बुधवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि जब भी कोई प्रस्ताव सरकार के खिलाफ आता है तो उसमें जनभावनाएं प्रतिबिम्बित होती है लेकिन इस इस प्रस्ताव में न जनता की भावना है और ना ही सरकार के खिलाफ सदन की भावना प्रतिबिम्बित हो रही है। इस प्रस्ताव में सरकार का कहीं कोई विरोध नहीं है इसके बावजूद विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ यह प्रस्ताव लेकर आया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में जनता का विश्वास है और मोदी सरकार का अल्पमत में होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। अविश्वास प्रस्ताव में कहीं भी अविश्वास की झलक नहीं है और मोदी सरकार को जो विश्वास प्राप्त है वह देश की जनता का दिया हुआ है और इसके लिए वह सबका धन्यवाद करते हैं। जनता का विश्वास नहीं होता तो दो दो बार सरकार चुनकर नहीं आती। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जनता के लिए काम किया है। उन्हाेंने कहा “प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रिमंडल में अविश्वास आपको‘विपक्ष’ को हो सकता है लेकिन जनता को अविश्वास नहीं है।”
शाह ने कहा कि देश में आजादी के बाद श्री मोदी सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। उनका कहना था कि यह बात वह नहीं कर रहे हैं बल्कि यह बात दुनियाभर के सर्वेक्षणों में कही गई है। वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो 17 घंटे हर दिन काम करते हैं और कभी छुट्टी नहीं लेते हैं। मोदी सरकार ने नौ साल के कार्यकाल में 50 से ज्यादा ऐसे निर्णय लिऐ हैं जो युगांतकारी हैं जबकि इससे पहले कांग्रेस की 35 साल तक सरकार रही है। मोदी सरकार ने अपने नौ साल के कार्यकाल में नये राजनीतिक युग की शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में देश में भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति होती रही है और अब इन तीनों से देश को मुक्ति मिलनी चाहिए। आजादी के आंदोलनकारियों की भी यही भावना थी। उनका कहना था कि पहले 1993 में तब की नरसिम्हा राव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के बल पर वह जीत गई जिसमें भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को इसके लिए रिश्वत दी गई। इसी तरह से 2008 में मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो सांसदों को करोड़ो रुपए की घूस दी गई।