हिमाचल प्रदेश सरकार का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस लगाने के प्रस्ताव की आप ने की निंदा

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा पनबिजली उत्पादन पर जल उपकर लगाने के प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी (आप)पंजाब ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी नेताओं ने पंजाब कांग्रेस नेतृत्व से कहा कि वह पड़ोसी राज्य में अपनी सरकार पर पंजाब विरोधी इस फैसले को वापस लेने के लिए दबाव बनाए।


पार्टी मुख्यालय में बुधवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने प्रवक्ता नील गर्ग और गोविंदर मित्तल के साथ हिमाचल कांग्रेस सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की और कहा कि इस फैसले से कांग्रेस का पंजाब विरोधी रुख एक बार फिर उजागर हो गया है।


हिमाचल प्रदेश सरकार के इस पंजाब विरोधी मुद्दे पर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा और अन्य राज्य नेतृत्व की चुप्पी की आलोचना करते हुए आप प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के नेताओं के इस रवैये ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस ने हमेशा पंजाब की जनता के खिलाफ काम किया है। पंजाब के हितों को कमजोर करना और अपने खजाने को भरना उनका एकमात्र एजेंडा है। लोगों के कल्याणकारी कार्यों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

 उन्होंने कहा कि चूंकि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) और पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाएं इसके दायरे में आएगी, इसलिए प्रस्तावित विधेयक पंजाब पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा। पिछली सरकारों द्वारा पैदा की गई वित्तीय गड़बड़ी के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पहले से ही काफी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।

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