कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अग्निवीर और नियमित सैनिक के शहीद होने पर परिजनों की मदद में फर्क करने पर सरकार को घेरते हुए शनिवार को कहा कि शहादत पर भेदभाव शहीद का अपमान है इसलिए सैनिक की बलिदान पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
गांधी मोदी सरकार की अग्निवीर योजना का लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के साथ शहादत के बाद भी भेदभाव किया जा रहा है। उनका कहना था कि शहादत में फर्क नहीं होता इसलिए शहीदों के खून पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया,”शहीदों के बलिदान में भेदभाव उनका अपमान है। हर शहीद के खून का मोल एक समान होना चाहिए।”
गांधी ने इसके साथ ही अग्निवीरों और नियमित सैनिकों के बलिदान के बाद परिजनों के लिए सुविधा में भेदभाव को लेकर एक चार्ट भी पोस्ट किया जिसमें कहा गया है कि अग्निवीर की शहादत पर बीमा 48 लाख रुपए है जबकि नियमित सैनिक के लिए 75 लाख है। बकाया वेतन अग्निवीर के परिजन को चार साल तक मिलेगा जबकि नियमित सैनिक के परिजनों को यह सुविधा सैनिक की सेवानिवृत्ति अवधि तक है। इसी तरह से अनुग्रह राशि अग्निवीर के लिए 44 लाख और नियमित के लिए 55 लाख, युद्ध हताहत कल्याण कोष में दोनों के लिए 8-8 लाख रुपए है जबकि ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन, सैन्य कल्याण फंड, स्वास्थ्य सुविधाएं, कैंटीन सुविधा ट्यूशन और हॉस्टल शिक्षा में आरक्षण, रोजगार में आरक्षण जैसी सुविधाएं अग्निवीरों के लिए नहीं है जबकि नियमित सैनिकों के लिए ग्रेच्युटी 20 लाख तक, पारिवारिक पेंशन 100 फ़ीसदी वेतन, कैंटीन स्वास्थ्य आदि सुविधा निशुल्क है।